2012 Delhi Nirbhaya case: आखिर कैसे शांत रहे दोषी विनय? उसकी 'हरकत' से घबराया तिहाड़ जेल प्रशासन
2012 Delhi Nirbhaya case बताया जा रहा है कि तिहाड़ जेल संख्या-तीन में बंद निर्भया के दोषी विनय को लेकर जेल प्रशासन .इस उधेड़बुन. में लगा है कि आखिर उसे शांत कैसे रखा जाए?
नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। 2012 Delhi Nirbhaya case: दिल्ली की पटियाला हाउस द्वारा सोमवार को डेथ वारंट जारी होने के बाद तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों (पवन कुमार गुप्ता, विनय कुमार शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय सिंह ठाकुर) की हालत खराब है। कोर्ट द्वारा जारी डेथ वारंट के मुताबिक, आगामी 3 मार्च को सुबह 6 बजे चारों को फांसी दी जानी है। ऐसे में परेशान विनय ने पिछले दिनों दीवार पर सिर मारकर खुद को घायल कर लिया, गनीमत रही कि उसे कोई गंभीर चोट नहीं आई। इसके बाद तिहाड़ जेल प्रशासन इस बात से परेशान है कि आखिर सुरक्षा को लेकर क्या किया जाए?
बताया जा रहा है कि तिहाड़ जेल संख्या-तीन में बंद निर्भया के दोषी विनय को लेकर जेल प्रशासन इस उधेड़बुन में लगा है कि आखिर उसे शांत कैसे रखा जाए? विनय ने साढ़े तीन साल पहले जेल में खुदकशी की कोशिश की थी। तब भी संयोग से ड्यूटी पर तैनात तमिलनाडु के पुलिसकर्मी की नजर उस पर पड़ गई थी और उसने उसे बचा लिया गया। अब सेल की दीवार पर सिर पटकने के मामले के बाद जेल प्रशासन विनय को लेकर इस सोच में है कि उसे सेल में अकेले रहने दिया जाए या नहीं। जेल सूत्रों का कहना है कि जल्द इस मामले में कोई निर्णय लिया जा सकता है।
निर्भया के चारों दोषी अभी अलग-अलग सेल में बंद हैं। सभी के सेल के बाहर दो सुरक्षाकर्मी रहते हैं। जेल प्रशासन विचार कर रहा है कि विनय के सेल के भीतर भी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी जाए, ताकि वह सिर पटकने जैसा कदम दोबारा न उठा सके। हालांकि जेल प्रशासन इसके पहले समय-समय पर उसकी काउंसलिंग व निगरानी का स्तर बढ़ाने में जुटा है, ताकि सेल के भीतर सुरक्षाकर्मी के तैनाती की नौबत न आए। काउंसलिंग के दौरान जो भी बातें सामने आ रही हैं, उससे जेल के अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है।