Sharjeel Imam : तिहाड़ जेल प्रशासन का जवाब, शरजील ने कहा था मुझ से पंगा लिया तो नौकरी खराब कर दूंगा
Sharjeel Imam भड़काऊ भाषण देने के मामले में राजद्रोह के आरोपित शरजील इमाम की अंतरिम जमानत अर्जी पर कोर्ट ने निर्णय 20 जुलाई तक के लिए टाल दिया है। अभियोजन पक्ष ने अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। Sharjeel Imam: दिल्ली दंगे की साजिश रचने व राजद्रोह के आरोपित शरजील इमाम के आरोपों को खारिज करते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन ने बृहस्पतिवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट में जवाब दाखिल किया है।
तिहाड़ जेल नंबर-एक के अधीक्षक ने जवाब में कहा कि गत 30 जून को अधिकारियों ने सेवादारों के साथ मिलकर वार्ड-सात के डी-ब्लाक में अचानक तलाशी ली थी। तब शरजील ने अधिकारियों पर झूठी शिकायत करने की धमकी देते हुए कहा था कि मुझ से पंगा लिया तो कइयों की नौकरी खराब कर दूंगा।
जेल प्रशासन ने कहा कि शरजील ने सुर्खियों में रहने के लिए झूठे आरोप लगाए हैं, ताकि ऐसा करके उसे जमानत पाने में मदद मिल सके। कोर्ट ने सेल के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और सेवादार के रूप में तलाशी में शामिल हुएकैदियों का रजिस्टर के साथ जेल अधीक्षक को 20 जुलाई को अगली सुनवाई पर पेश होने का आदेश दिया है।
जेल प्रशासन ने जवाब में कहा कि तलाशी के लिए दिल्ली जेल नियमावली-2018 के नियम-125 के तहत कैदियों का सहयोग लिया गया था। इस दौरान किसी ने शरजील से न ही मारपीट की और न ही उसे आतंकवादी या राष्ट्रविरोधी कहकर पुकारा। जेल प्रशासन ने कहा है कि आरोपित के सेल की सीसीटीवी कैमरों की फुटेज सुरक्षित कर ली गई हैं। इस पर शरजील ने कोर्ट में कहा कि उसकी सेल में दो सीसीटीवी कैमरे हैं, एक कैमरा बाहर की तरफ भी लगा है।
ये था शरजील का आरोप
शरजील ने गत चार जुलाई को जेल में जान का खतरा जताते हुए कोर्ट में शिकायत दी थी। आरोप लगाया था कि जेल के सहायक अधीक्षक ने तलाशी की आड़ में गत 30 जून को आठ-दस कैदियों के साथ उसके सेल में प्रवेश किया, उससे मारपीट और आतंकवादी व राष्ट्रविरोधी कहकर संबोधित किया।
अंतरिम जमानत अर्जी पर निर्णय टला
भड़काऊ भाषण देने के मामले में राजद्रोह के आरोपित शरजील इमाम की अंतरिम जमानत अर्जी पर कोर्ट ने निर्णय 20 जुलाई तक के लिए टाल दिया है। अभियोजन पक्ष ने अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है।
शरजील ने राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार करने को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत अर्जी दायर की थी। उस पर कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखा हुआ है।