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    Delhi Metro New Route: दिल्ली में चलेगी तीन कोच की मेट्रो, क्या होगा रूट और कितने होंगे स्टेशन; जानिए सबकुछ

    Updated: Mon, 07 Apr 2025 09:23 AM (IST)

    दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) का लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक रूट पर तीन कोच वाली ट्रेन चलेगी। यह कॉरिडोर आठ किलोमीटर लंबा होगा। यह देश में पहली तीन कोच वाली मेट्रो लाइन होगी और इसके प्लेटफार्म भी छोटे होंगे। इसमें लगभग 80 हजार लोग रोजाना सफर कर सकेंगे। आइए जानते हैं इस कॉरिडोर पर कौन से 8 स्टेशन होंगे और उसके क्या फायदे होंगे।

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    लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक मेट्रो कॉरिडोर पर तीन कोच की मेट्रो चलेगी। फोटो- जागरण

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। फेज चार की लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक मेट्रो लाइन देश की पहली ऐसी मेट्रो लाइन होगी जिस पर तीन कोच की मेट्रो ट्रेनें चलेंगी। इस कॉरिडोर पर पहला और आखिरी दोनों स्टेशन वर्तमान दो इंटरचेंज स्टेशन से जुड़े होंगे और कॉरिडोर लाजपत नगर मार्केट व सलेक्ट सिटी वॉक मॉल को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ेगा।

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    कितनी होगी मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई?

    दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का कहना है कि व्यस्त समय में इस कॉरिडोर पर जितने यात्रियों के सफर करने का अनुमान है उसे तीन कोच की मेट्रो से आसानी से पूरा किया जा सकता है।

    करीब आठ किलोमीटर लंबे इस एलिवेटेड मेट्रो कॉरिडोर पर आठ स्टेशन होंगे। यह वर्तमान ग्रे लाइन (द्वारका-ढांसा बस स्टैंड) दिल्ली मेट्रो का दूसरा सबसे छोटा कॉरिडोर होगा।

    इन स्टेशनों के प्लेटफार्म सामान्य मेट्रो स्टेशनों की तुलना में छोटे होंगे। देश में चार, छह व आठ कोच की मेट्रो का परिचालन हो रहा है। स्टैंडर्ड गेज के वर्तमान कॉरिडोर के मेट्रो स्टेशनों के प्लेटफार्म की लंबाई सामान्य तौर पर 140 मीटर है। स्टेंडर्ड गेज के कॉरिडोर पर अभी छह कोच की मेट्रो का परिचालन हो रहा है।

    कब से शुरू होगा काम?

    वहीं लाजपत नगर-साकेज जी ब्लॉक कॉरिडोर के प्लेटफार्म की लंबाई 74 मीटर होगी। डीएमआरसी ने इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए जनवरी में टेंडर प्रक्रिया शुरू थी।

    टेंडर आवंटन के बाद जल्द ही इसका निर्माण शुरू हो जाएगा और करीब तीन वर्ष में बनकर तैयार होगा। प्लेटफार्म छोटे व तीन कोच की मेट्रो का परिचालन होने से इस कॉरिडोर के निर्माण व संचालन शुरू करने में लागत कम आएगी।

    रोजाना कितने यात्रियों को होगी सुविधा?

    योजना के अनुसार यह कॉरिडोर वर्ष 2025 से पहले बनकर तैयार होनी थी, लेकिन इस कॉरिडोर को पिछले वर्ष ही निर्माण के लिए सरकार से स्वीकृति मिली। यदि यह कॉरिडोर बनकर अब तक तैयार हुआ होता तो इस वर्ष प्रतिदिन 60,000-80,000 यात्रियों के सफर करने का अनुमान था।

    इस कॉरिडोर पर होंगे ये स्टेशन और उसके फायदे

    1. लाजपत नगर - पिंक और वायलेट लाइनों के साथ इंटरचेंज, लाजपत नगर मार्केट जुड़ने वाला यह तीसरा कॉरिडोर होगा।
    2. एंड्रयूज गंज - आवासीय और संस्थागत इलाके को फायदा।
    3. ग्रेटर कैलाश एक - ग्रेटर कैलाश और आसपास के इलाकों की सेवा।
    4. चिराग दिल्ली - मैजेंटा लाइन के साथ इंटरचेंज।
    5. पुष्पा भवन - सरकारी कार्यालयों और आवासीय कॉलोनियां मेट्रो से जुड़ेंगी।
    6. साकेत कोर्ट - साकेत जिला न्यायालय परिसर, सलेक्ट सिटी वॉक मॉल पहुंचा जा सकेगा।
    7. पुष्प विहार - पुष्प विहार सेक्टर एक, तीन, चार और सात के निवासियों को फायदा।
    8. साकेत जी ब्लॉक - गोल्डन लाइन (तुगलकाबाद-एरोसिटी) के साथ इंटरचेंज स्टेशन। इस स्टेशन पर मेट्रो बदलकर पहुंचा जा सकेगा एयरपोर्ट।

    मेट्रो के एक कोच में कितने यात्री करेंगे सफर?

    वर्ष 2041 तक इस कॉरिडोर की मेट्रो में प्रतिदिन करीब एक लाख 20 हजार यात्रियों के सफर करने का अनुमान है। मेट्रो ट्रेन के एक कोच में 300 यात्री सफर कर सकेंगे। इस लिहाजा से तीन कोच की मेट्रो में एक बार में करीब 900 यात्री सफर करेंगे। यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ मेट्रो की फ्रिक्वेंसी भी बढ़ेगी।

    डीएमआरसी का कहना है कि इस कॉरिडोर पर तीन कोच के मेट्रो का परिचालन होने से बिजली की खपत भी कम होगी और पर्यावरण के लिए भी बेहतर होगा। यह कॉरिडोर बनकर तैयार होने पर दक्षिण और मध्य दिल्ली के बीच मेट्रो से आवागमन की सुविधा बेहतर होगी।