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    CBSE पेपर लीक: अधिकारी निलंबित, रिमांड पर तीन आरोपी

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Mon, 02 Apr 2018 07:18 AM (IST)

    10वीं गणित और 12वीं अर्थशास्त्र पेपर लीक मामले की जांच तेज हो गई है। मामले में सीबीएसई का एक अधिकारी निलंबित कर दिया गया है। ...और पढ़ें

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    CBSE पेपर लीक: अधिकारी निलंबित, रिमांड पर तीन आरोपी

    नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं गणित और 12वीं अर्थशास्त्र पेपर लीक मामले की जांच तेज हो गई है। मामले में सीबीएसई का एक अधिकारी निलंबित कर दिया गया है। जबकि क्राइम ब्रांच की एसआइटी ने बवाना स्थित पब्लिक स्कूल के दो शिक्षकों और कोचिंग सेंटर के ट्यूटर को गिरफ्तार किया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरूप ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। अनिल स्वरूप ने ट्वीट कर लिखा 'मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मामले में दोषियों पर तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बोर्ड ने एग्जाम सेंटर (0859) पर लापरवाही बरतने के लिए अधिकारी केएस राणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले में बोर्ड ने फॉर्मल जांच भी बिठाई है।

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    क्राइम ब्रांच का दावा है कि आरोपित शिक्षक ऋषभ और रोहित कई सालों से स्कूल में परीक्षा शुरू होने से करीब एक घंटा पहले प्रश्नपत्र का फोटो खींचकर उसे वाट्सएप पर ट्यूटर तौकीर को भेज देते थे। तौकीर उक्त प्रश्नपत्र को अपने कोचिंग सेंटर के खास विद्यार्थियों को वाट्सएप पर भेजता था। बताया जा रहा है कि परीक्षा शुरू होने के ठीक आधे पहले ही पेपर खोल दिए और फिर उसे  वाट्सएप पर वायरल कर दिया। 

    हालांकि क्राइम ब्रांच को अभी तीनों आरोपितों से केवल 26 मार्च को 12वीं अर्थशास्त्र का पेपर परीक्षा शुरू होने से करीब एक घंटा पहले वाट्सएप पर लीक करने के सुबूत मिले हैं। इन्हें कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए दो दिनों की रिमांड पर लिया गया है।

    मामले में क्राइम ब्रांच ने एक नए मॉड्यूल का पर्दाफाश तो कर दिया है, लेकिन गणित व अर्थशास्त्र के हस्तलिखित प्रश्नपत्रों को परीक्षा से दो दिन पहले वाट्सएप पर लीक करने के मुख्य मामले में उसके हाथ खाली हैं। करीब एक हफ्ता बीतने के बावजूद क्राइम ब्रांच मुख्य मामले का पर्दाफाश नहीं कर पाई है। हालांकि, कई दिनों से सरकारी अवकाश होने के बावजूद क्राइम ब्रांच के तमाम आला अधिकारी लगातार सीबीएसई मुख्यालय में डेरा डालकर सीबीएसई के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ कर मामले की जांच में जुटे हैं।

    एसआइटी का नेतृत्व कर रहे क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार के मुताबिक, आरोपितों के नाम तौकीर (26), ऋषभ (29) व रोहित (26) हैं। तौकीर जेजे कॉलोनी, बवाना का रहने वाला है। उसने ही 12वीं अर्थशास्त्र का पेपर परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले वाट्सएप पर एक छात्र को भेज दिया था।

    उक्त छात्र तौकीर के कोचिंग सेंटर में पढ़ता था। छात्र ने पेपर को कुछ दोस्तों को भेजा फिर धीरे-धीरे पेपर कई विद्यार्थियों में बंट गया। क्राइम ब्रांच का कहना है कि इस मामले को भी पेपर लीक ही माना जाएगा, लिहाजा सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने जिन तीन धाराओं (अमानत में खयानत, धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र रचने) में मुख्य मामला दर्ज किया था, वे सभी धाराएं इस मामले के तीनों आरोपितों पर भी लगेंगी।

    उक्त लीक में अधिक फायदा नहीं उठा सकते हैं छात्र

    पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है कि यह बात दीगर है कि एक घंटा पहले छात्रों को पेपर मिल जाने पर वे इसका कितना फायदा उठा पाए हों? मेधावी छात्र ही इतने कम समय में कुछ फायदा उठा सकते हैं, कमजोर छात्रों के लिए फायदा उठा पाना मुश्किल है।

    इस दौरान अधिकतर विद्यार्थी स्कूल पहुंचने के रास्ते में होते हैं। 15 मिनट पहले सेंटर पर आने की भी हिदायत होती है। जाम में फंसने की आशंका के मद्देनजर विद्यार्थी कुछ समय पहले घरों से निकलते हैं इसलिए पुलिस का मानना है कि उक्त पेपर लीक का छात्र ज्यादा फायदा नहीं उठा सकते हैं।

    तीनों आरोपित हैं पुराने दोस्त

    क्राइम ब्रांच का कहना है कि तौकीर को पहले ऋषभ व अब कुछ सालों से रोहित पेपर भेज रहा था। ऋषभ, बवाना का रहने वाला है। वह बवाना के पब्लिक स्कूल में भौतिक विज्ञान का शिक्षक है। रोहित बहादुरगढ़, झज्जर, हरियाणा का रहने वाला है। वह भी उक्त स्कूल में गणित का शिक्षक है।

    उधर, गूगल ने पुलिस को सीबीएसई चेयरपर्सन के पास पेपर लीक संबंधी ईमेल भेजने वाले व्यक्ति के अकाउंट की जानकारी दे दी है, जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। बता दें कि 10वीं गणित की परीक्षा से 24 घंटे पहले देव नारायण नामक व्यक्ति के जीमेल अकाउंट से सीबीएसई चेयरपर्सन के आधिकारिक जीमेल अकाउंट पर ईमेल आया था, जिसमें पेपर लीक होने की बात कही गई थी।

    जांच टीम में एसीपी स्तर के दो और अधिकारी शामिल

    मामले में जांच का दायरा बढ़ने के कारण एसआइटी की विशेष टीम में दो और एसीपी स्तर के अधिकारियों को शामिल कर लिया गया है। पहले 11 पुलिस अधिकारियों की टीम छानबीन कर रही थी।