ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर, जानें- साइबर एक्सपर्ट क्या कहते हैं
अपने क्रेडिट कार्ड में बैलेंस लिमिट को कम रखकर पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें। साथ ही बैंक स्टेटमेंट भी चेक करते रहें।

नई दिल्ली (जेएनएन)। डिजिटल इंडिया के दौर में बटन दबाते ही आप लाखों रुपये इधर से उधर भेज सकते हैं। रेल, विमान के टिकट से लेकर खाने की प्लेट तक सब कुछ एक क्लिक पर उपलब्ध है। इस सहूलियत के बीच जरा सी लापरवाही आपको साइबर अपराध का शिकार बना देती है। राजधानी में हर दिन सैकड़ों लोग साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं। किसी का पूरा बैंक खाता खंगाल दिया जा रहा है, तो किसी के एटीएम-क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर ऑनलाइन शॉपिंग करके उसे चूना लगाया जा रहा है।
इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर उसका चारित्रिक हनन करके उसे साइबर अपराध का शिकार तक बनाया जा रहा है। आधुनिक समय में ऑनलाइन धोखाधड़ी की बढ़ती समस्या को देखते हुए इस विषय पर दैनिक जागरण द्वारा पाठकों के लिए जागरण का आयोजन किया गया। इसमें आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर सवाल पूछे और साइबर अपराध मामलों के जानकार पवन दुग्गल ने उनके जवाब दिए। पेश है आम नागरिकों व साइबर एक्सपर्ट के बीच हुए सवाल-जवाब के अंश।

साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन पुलिस अभी इन मामले में ठीक तरीके से काम नहीं कर पा रही है। इसके लिए क्या व्यवस्था होनी चाहिए। -राकेश पचौरी, मंडावली
- निश्चित तौर पर दिल्ली में साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। पुलिस शिकायत तो दर्ज करती है, पर गंभीरता से जांच नहीं करती। इस दिशा में दिल्ली पुलिस को और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।
साइबर अपराध में ऑनलाइन ठगी से कैसे बचा जाए? - राजकुमार, सीलमपुर, उत्तरी दिल्ली
- बैंक खाते की जानकारी को कभी भी किसी अनजान व्यक्ति से साझा न करें। वेबसाइट का इस्तेमाल करते हुए ध्यान रखें। कंपनी की सुरक्षित वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। अपने क्रेडिट कार्ड में बैलेंस लिमिट को कम रखकर पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें। साथ ही बैंक स्टेटमेंट भी चेक करते रहें। किसी भी अनावश्यक ट्रांजेक्शन की शिकायत पुलिस में करें और इसकी जानकारी बैंक को भी दें। तीन दिन के अंदर शिकायत करने पर पूरी धनराशि वापस मिलने का प्रावधान है। वहीं तीन दिन बाद शिकायत करने पर 3 से 10 फीसद तक धनराशि कटने का प्रावधान है।
साइबर अपराध पर नियंत्रण करने के क्या उपाय हैं? इसके लिए क्या करना चाहिए। - चंद्रशेखर झा, मीठापुर, नई दिल्ली
- साइबर अपराध बड़े स्तर पर फैल रहा है। कुछ लोगों को भ्रम होता है कि वे इसके शिकार नहीं होंगे और वे बैंक व मोबाइल की अहम जानकारी दूसरों के साथ साझा कर देते हैं। कानून में भी अभी कई कमियां हैं जिससे यह अपराधियों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह कारगर नहीं है। हमें सजग रहना होगा कि हम अपनी अहम जानकारियां किसी के साथ साझा न करें।
अगर हम अपने मूल स्थान, शहर या राज्य से बाहर हैं तो साइबर अपराध का शिकार होने की स्थिति में शिकायत किसे और कैसे करें? - रमेश कुमार, बुराड़ी, उत्तरी दिल्ली
- जिस स्थान पर हैं, वहां के स्थानीय थाने में इसकी शिकायत कर सकते हैं। साथ ही इसकी जानकारी तुरंत अपने बैंक शाखा या फिर टोल फ्री नंबर पर दें। 72 घंटे में शिकायत करते हैं तो आपको नुकसान नहीं होगा और पूरी रकम वापस मिलेगी।

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