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    Delhi: Hollywood फिल्म देखकर बनाया गिरोह, डीकोडिंग कर खोलते कार; पुलिस ने पर्दाफाश कर 10 कारें की बरामद

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Sat, 03 Dec 2022 09:00 PM (IST)

    दक्षिण पश्चिम जिले की एएटीएस स्टाफ ने लग्जरी कार चोरी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें ...और पढ़ें

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    Hollywood फिल्म देखकर बनाया गिरोह, डीकोडिंग कर खोलते कार; पुलिस ने पर्दाफाश कर 10 कारें की बरामद

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिण पश्चिम जिले की एएटीएस स्टाफ ने लग्जरी कार चोरी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो वर्कशाप चलाने वाले मैकेनिक और एक रिसीवर शामिल है। पकड़े गए आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के दिनेश, शमशाद, याहया उर्फ शादाब, संगम विहार के नफीस (42) और मुस्लिम खान के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से 10 कारें, एक लैपटाप, लाक स्कैनर डिवाइस समेत अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

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    पुलिस उपायुक्त मनोज सी ने बताया कि जिले की एएटीएस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपितों के बारे में जानकारी जुटाने की लगातार कोशिश कर रही है। टीम ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से दो आरोपित दिनेश व शमशाद की पहचान की। टीम ने गुप्त सूचना के बाद दोनों आरोपितों को सागरपुर से गिरफ्तार कर लिया।

    रिसीवर की गिरफ्तारी के बाद पकड़े गए सभी

    पुलिस ने इनके पास से चोरी की एक कार भी बरामद की। इसके बाद पुलिस ने रिसीवर याहया उर्फ सादाब को मेरठ से गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने इनकी निशानदेही पर नेब सराय के एक वर्कशाप से काम करने वाले मैकेनिक नफीस उर्फ जावेद व मुस्लिम खान को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके पास से 10 कारें बरामद की है।

    हालीवुड फिल्म देखकर बनाई योजना

    रिसीवर याहया ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि वह हालीवुड फिल्म गान इन 60 सेकंड से प्रभावित हुआ था। मूवी देखने के बाद वह अपनी प्रेमिका के साथ शान शौकत वाली जिंदगी जीने के लिए वारदात को अंजाम देने लगा। वह दिनेश व शमशाद से चोरी की कारें खरीद कर उसे नेब सराय में अपने सहायक नफीस व मुस्लिम खान के पास वर्कशाप में पहुंचा देता था। जहां गाड़ियों के चेचिस व इंजन नंबर के साथ प्लेट नंबर बदल दिया जाता था। इसके बाद उन कारों को वह मेरठ पहुंचा देता था।

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    डिकोडिंग करके खोलते थे लाक

    आरोपितों ने खुलासा किया कि वह कार के लाक की डिकोडिंग के लिए स्कैनर का उपयोग करते थे। इसके बाद आसानी से कार का लाक खोल लेते थे। वह पांच माह में 30 से अधिक गाड़ियां बेच चुका है। ऐसे में कार मालिकों को इसकी भनक भी नहीं लगती थी और वह कार को उड़ा ले जाते थे।