Delhi News: मंडी में फूलों की होगी अब होम डिलीवरी, ग्राहक आनलाइन व व्यवसायी से संपर्क कर सीधे कर सकेंगे खरीदारी
विदेशी कमल भी कुछ यहां पर आता है। देश में से हरियाणा चंडीगढ़ हिमाचल प्रदेश कर्नाटक पंजाब और उत्तर प्रदेश से फूल ज्यादा आता है। फूल मंडी की वेबसाइट पर सभी व्यवसायियों के मोबाइल नंबर और ई-मेल डाले जाएंगे। प्रत्येक व्यवसायी अलग-अलग तरह के फूल का व्यवसाय करते हैं।

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। गाजीपुर फूल मंडी में फूल व्यवसाय अब तेजी से फलेगा-फूलेगा। मंडी की वेबसाइट के जरिये इस व्यवसाय को बढ़ाने का प्रयास जल्द शुरू होगा। गाजीपुर फूल मंडी मंडी विपणन समिति ने बैठक में तय किया है कि प्रत्येक फूल व्यवसायी का प्रोफाइल मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी सहित वेबसाइट पर डाला जाएग। उसमें यह भी दर्ज किया जाएगा कि उनका किस तरह के फूलों का व्यवसाय है। कुछ व्यवसायी विदेशी पौधे भी बेचते हैं, उसका ब्योरा भी उसमें लिखा जाएगा।
इससे देश भर में बैठे लोग फूल खरीदने के लिए सीधे व्यवसायियों से संपर्क साध सकते हैं।बिचौलियों का खेल होगा खत्मइस मंडी में 414 लाइसेंसधारी फूल व्यवसायी हैं। अभी ग्राहक और व्यवसायी के बीच में बिचौलियों की कड़ी सक्रिय है। बिचौलिये व्यवसायियों से दाम तुड़वा कर ऊंचे दामों पर ग्राहकों को बेच देते हैं। एक तरफ व्यवसायी अच्छे दाम पाने से चूक जाते हैं। दूसरी तरफ ग्राहकों को महंगा फूल मिलता है। वेबसाइट अपडेट होने पर ग्राहक वहां से अपने पसंदीदा फूलों को खरीदने के लिए सीधे व्यवसायी से संपर्क साध कर सौदा कर सकेंगे। मंडी समिति को उम्मीद है कि इससे बिचौलियों का खेल खत्म हो जाएगा।
मंडी में 109 प्रकार के फूलों का व्यवसाय: गाजीपुर फूल मंडी में 109 प्रकार के देसी-विदेशी फूल आते थे। इसके अलावा सजावट में इस्तेमाल होने वाले पत्ते भी आते हैं। यहां पर सबसे ज्यादा फूल थाईलैंड से आता था। इनमें पिन कुशन, सिम्बिडियम, डेजी, बंकसिया, आर्किड फूल शामिल है। हालैंड से ट्यूलिप, सैलिक्स की खेप आती है। दक्षिण अफ्रीका से हाईड्रेंजिया और जर्मनी से पियोनी काफी मात्रा में आता है। विदेशी कमल भी कुछ यहां पर आता है। देश में से हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और उत्तर प्रदेश से फूल ज्यादा आता है।
फूल मंडी की वेबसाइट पर सभी व्यवसायियों के मोबाइल नंबर और ई-मेल डाले जाएंगे। प्रत्येक व्यवसायी अलग-अलग तरह के फूल का व्यवसाय करते हैं।
- ऐसे में वेबसाइट पर यह भी दर्ज किया जाएगा कि कौन सा व्यवसायी किस तरह के फूल बेचता है। इससे ग्राहकों तक उनकी पहुंच आसान होगा। अभी यह सब वेबसाइट पर नहीं है, इसलिए बिचौलिये फायदा उठा रहे हैं। वेबसाइट अपडेट होने पर ग्राहकों और व्यवसायियों के बीच सीधे रिश्ता बनेगा। इससे बिचौलियों का सफाया होगा।- साहिल गुप्ता, चेयरमैन, गाजीपुर फूल मंडी
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