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    दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के कुल पांच ट्रायल होंगे, हर उड़ान होगी 1.5 घंटे की; जानें क्या है इसका उद्देश्य

    Updated: Mon, 12 May 2025 08:03 PM (IST)

    दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के लिए पांच ट्रायल किए जाएंगे प्रत्येक अलग-अलग दिन। हर ट्रायल में एयरक्राफ्ट से बादलों में रसायन डाले जाएंगे जो 1-1.5 घंटे तक चलेगा। मौसम अनुकूल होने पर सभी ट्रायल एक सप्ताह में या 1-2 दिन के अंतराल पर हो सकते हैं। कार्यक्रम बादलों की उपलब्धता पर निर्भर है।

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    दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के होंगे पांच ट्रायल।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में कृत्रिम वर्षा के कुल पांच ट्रायल किए जाएंगे। हर ट्रायल अलग-अलग दिन होगा, जिसमें बादलों में रसायन डालने के लिए एयरक्राफ्ट से भरी जाने वाली उड़ान करीब एक से डेढ़ घंटे तक की होगी। मौसम की स्थिति के आधार पर ट्रायल जल्दी- जल्दी, संभवतया एक सप्ताह के भीतर किए जा सकते हैं।

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    पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यदि उपयुक्त मौसम देखा जाता है, तो हम एक सप्ताह में या एक या दो दिन के अंतराल के साथ सभी पांचों ट्रायल कर सकते हैं। कार्यक्रम बादलों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।"

    क्लाउड-सीडिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है

    मालूम हो कि "क्लाउड-सीडिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें सिल्वर आयोडाइड जैसे तत्वों को बादलों में डाला जाता है ताकि वर्षा की संभावना बढ़ाई जा सके। दिल्ली जैसे शहरों में इसे प्रदूषण कम करने और वर्षा की कमी दूर करने के लिए एक संभावित उपाय के रूप में देखा जा रहा है।

    पर्यावरण विभाग के अधिकारी ने नाम नहीं छापने का अनुरोध करते हुए यह भी बताया कि अभी ट्रायल के लिए स्थानों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

    यह ट्रायल दिल्ली के बाहरी इलाकों में ही होगा

    आइआइटी कानपुर, जो योजना से लेकर क्रियान्वयन तक इस प्रयोग का नेतृत्व कर रहा है, विभिन्न वैज्ञानिक और म करेगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण, लुटियंस दिल्ली या इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास शहर के भीतर परीक्षण नहीं किए जा सकते हैं। इसलिए, यह ट्रायल दिल्ली के बाहरी इलाकों में ही होगा, जहां मौसम संबंधी स्थितियां भी अहम भूमिका निभाएंगी।

    अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक ट्रायन के दौरान एक विमान एक से डेढ़ घंटे के लिए उड़ान भरेगा। ट्रायल का सटीक कार्यक्रम जल्द ही तय किया जाएगा, पहला ट्रायल मई या जून के अंत तक होने की संभावना है।

    सात मई को कृत्रिम वर्षा के पांच ट्रायल करने के प्रस्ताव को मंजूरी

    याद रहे कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक नए कदम के तहत, दिल्ली कैबिनेट ने सात मई को कृत्रिम वर्षा के पांच ट्रायल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसमें कुल परियोजना परिव्यय 3.21 करोड़ रुपये है। ट्रायल के लिए 2.75 करोड़ रुपये (प्रति ट्रायल 55 लाख रुपये) रखे गए हैं। इसके अलावा, एक बार की व्यवस्था जैसे एयरक्राफ्ट की कैलिब्रेशन, कैमिकल स्टोरेज और लाजिस्टिक के लिए 66 लाख का खर्च तय किया गया है।

    सरकार नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, रक्षा मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण सहित 13 प्रमुख विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।

    वायु की गुणवत्ता में सुधार करना उद्देश्य

    दिल्ली के निवासियों को स्वच्छ हवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए सिरसा ने कहा, "यह एक वैज्ञानिक हस्तक्षेप है जिसका उद्देश्य प्रदूषण के महत्वपूर्ण समय में वायु की गुणवत्ता में सुधार करना है। यह हमारी एआई-आधारित निगरानी व 24 बाई 7 निगरानी प्रयासों का पूरक है।"

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