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    केजरीवाल और सिसोदिया की हार की बड़ी वजह आई सामने, इन लोगों ने जमकर किया था BJP को वोट

    Delhi Elections 2025 दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत में सरकारी कर्मचारियों का अहम योगदान रहा। आठवें वेतन आयोग और बजट में इनकम टैक्स छूट के एलान से प्रेरित होकर सरकारी कर्मचारियों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया। नई दिल्ली-जंगपुरा समेत कई अहम सीटों पर सरकारी कर्मचारियों ने भाजपा उम्मीदवारों को बढ़त दिलाई। इस लेख में पढ़ें पूरी खबर।

    By Vineet Tripathi Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 08 Feb 2025 09:52 PM (IST)
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    Kejriwal & Manish Sisosdia: भाजपा की जीत में सरकारी बाबू ने निभाई अहम भूमिका। फोटो पीटीआई।

    विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली।  दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के यूं तो कई अन्य कारण हैं, लेकिन सरकारी बाबुओं ने अपने मताधिकार से भाजपा की जीत में अहम योगदान दिया। विशेष तौर पर ऐसी स्थिति में जब कई विधानसभा इलाके में प्रत्याशियाें के बीच कांटे का मुलाबला था और जीत-हार का अंतर काफी कम था।

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    आठवें वेतन आयोग की घोषणा के साथ ही मतदान से चार दिन पहले केंद्रीय बजट में 12 लाख रुपये की आय काे इनकम टैक्स के दायरे से बाहर करके भाजपा ने एक बड़ा दांव चला था। इसी दांच के चलते सरकारी कर्मियों को भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित किया है। सरकारी कर्मचारियों ने नई दिल्ली-जंगपुरा समेत कई अहम सीटों पर दम दिखाया।

    दिल्ली में 5-6 लाख पेंशनर और करीब दो लाख सरकारी कर्मी हैं। करीब दो दर्जन सीटों पर जीत हार तय करने में सरकारी कर्मचारियों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। भाजपा की मिली जीत के हिसाब से कहा जा सकता है कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स ने केंद्र में बैठी भाजपा सरकार को दिल्ली में रिटर्न गिफ्ट दिया है।

    आंकड़ों पर नजर डाले तो सरकारी कर्मचारियों ने नई दिल्ली विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ज्यादा भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा पर जताया। बैलेट पेपर के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों ने केजरीवाल को 134 मत दिए, जबकि प्रवेश वर्मा को 210 मत मिले।

    वहीं, ग्रेटर कैलाश इलाके में आपन प्रत्याशी सौरभ भारद्वाज 175 मत दिए, जबकि भाजपा प्रत्याशी शिखा राय को 224 मत मिले। जंगपुरा सीट पर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 103 तो भाजपा प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह को 184 मत मिले।

    दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी भले ही कालकाजी विधानसभा से चुनाव जीत गई, लेकिन सरकारी कर्मचारियों का उन्हें महज 96 मत मिले, जबकि भाजपा के रमेश विधूड़ी को 155 मत मिले। वहीं, शकूरबस्ती में भाजपा नेता

    करनैल सिंह को 299 मत तो आप के सत्येंद्र जैन 96 मत मिले, जबकि बिजवासन सीट पर भाजपा प्रत्याशी कैलाश गहलोत को 364 तो आप प्रत्याशी सुरेंद्र भारद्धाज को 213 मत ही मिले।

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