Delhi Old Fort: G-20 के लिए तैयार हाे रहा है पुराना किला, जानिए क्या है दिल्ली की इस ऐतिहासिक धरोहर का इतिहास
जी-20 के लिए पुराना किला तैयार हो रहा है। G-20 के लिए पुराना किला तैयार हाे रहा है। किला के प्रमुख आकर्षण शेर मंडल के आसपास का इलाका व्यवस्थित किया जा ...और पढ़ें

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। G-20 के लिए पुराना किला तैयार हाे रहा है। किला के प्रमुख आकर्षण शेर मंडल के आसपास का इलाका व्यवस्थित किया जा रहा है। खंडहर बने ऐतिहासिक हमाम का संरक्षण कार्य कराया गया है।
वहीं, शेर मंडल तक आने जाने के लिए नया पाथ-वे बनाया जा रहा है। इसी शेर मंडल की सीढ़ियों से गिरकर 1556 में हुमायूं की मौत हो गई थी। G-20 के दाैरान सितंबर में पुराना किला में खुदाई स्थल पर अस्थाई संग्रहालय बनाए जाने की भी योजना। पुराना किला में पांडवों की राजधानी का पता लगाने के लिए एक बार फिर खुदाई होने जा रही है।
खुदाई स्थल पर बनेगा संग्रहालय
पुराना किला में खुदाई स्थल पर एक संग्रहालय बनाया जाएगा। इसके लिए अभी तक खाुदाई में मिली चीजों को प्रदर्शित किया जाएगा। खुदाई के बारे में बोर्ड लगाकर समझाया जाएगा। इसके अलावा पिछले सालों में हुई खुदाई वाले उन गड्ढों को खोलकर पर्यटकों को अलग अलग कालों के समय की परत को दिखाया जाएगा जिन गड्ढों में इस बार खुदाई नहीं कराई जाएगी। इस संग्रहालय को सितंबर तक तैयार किए जाने की याेजना है। इसे सितंबर में दिल्ली में हाेने जा रही जी-20 की प्रमुख बैठक काे ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है।
ऐतिहासिक हमाम का कराया गया संरक्षण कार्य
शेर मंडल के पास बने हमाम का संरक्षण कार्य कराया गया है। कहा जाता है कि यह हमाम हुमायूं के समय का है।जिसमें महिलाओें और पुरुषों के नहाने के लिए अलग अलग इंतजाम हैं।गर्म पानी और सामान्य पानी के लिए भी अलग अलग व्यवस्था की गई है। यह लंबे समय से बदहाल स्थित में था। एक खंडहर के रूप में तब्दील हो गया था, मगर एएसआइ ने इसकी सुध ली है और इसका संरक्षण कार्य कराया गया है। इस हमाम को देखने वालों की भीड़ लगी रहती है।बताया जा रहा है कि जी-20 के तहत की जा रही तैयारियों को लेकर इसकी दशा सुधारी गई है।
शेर मंडल आने जाने के लिए तैयार किया जा रहा पाथ-वे
पुराना किला के आकर्षण शेर मंडल आने जाने के लिए एएसआइ पाथ-वे बनाया जा रहा है।इस पाथ-वे को आधुनिक रूप दिया जा रहा है, लगभग चार मीटर चौड़े पाथ-वे को बनाने का काम शुरू किया जा चुका है।जिसे एक माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बन जाने से शेर मंडल आना-जाना आसान हाेगा, साथ ही इस स्मारक के आसपास का लुक भी बेहतर हाेगा।
शेर मंडल की सुधारी जाएगी दशा
वैसे तो शेर मंडल में बहुत कुछ काम कराने की जरूरत नहीं है। मगर इस स्मारक के कुछ छज्जे टूटे हुए हैं उन्हें बदला जाएगा, स्मारक के अंदर कुछ स्थानों पर आ चुकीं दरारों को भरा जाएगा। टूटे हुए पत्थर बदले जाएंगे। यह वही स्मारक है जो हुमायूं को अधिक पसंद था, जिसे हुमायूं ने अपना पुस्तकालय बनाया हुआ था। इसी स्मारक की सीढ़ियों से फिसल कर 1556 में हुमायूं की मौत हो गई थी।
पुराने किले का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि दिल्ली को सर्वप्रथम पांडवों ने ईसापूर्व 1400 वर्ष पहले अपनी राजधानी इन्द्रप्रस्थ के रूप में बसाया था।
उसके बाद पुराना किला का निर्माण सूरवंश के संस्थापक शेरशाह सूरी ने हुमायूं को हराने के बाद करवाया था।1540 में चौसा के युद्ध में हुमायूं को हराने के बाद हुमायूं के बसाये दीन पनाह नगर को नष्ट करके उसकी जगह शेरगढ़ नाम का शहर बसाया। और इसके लिए उसने पुराने किले का निर्माण करवाया। जिसे 1545 में पूरी तरह बना लिया गया था। शेरशाह सूरी ने हुमायूं को हारने के बाद पुरे उत्तर भारत पर कब्ज़ा कर लिया था।
दिल्ली को मुगलों से सुरक्षित रखने के लिए शेरशाह सूरी ने पुराने किले का निर्माण करवाया। लेकिन 1545 में ही शेरशाह सूरी को युद्ध में हराने के बाद हुमायूं ने फिर से दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया था।हुमायूं ने भी यहां कुछ काम करवाया है।

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