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    2 वजहों से घट रही है गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या, जानें- आंदोलन को सफल बनाने का राकेश टिकैत का फॉर्मूला

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Sat, 20 Mar 2021 02:46 PM (IST)

    Farmers Protest भीड़ कम होने से गाजीपुर के किसानों का धरनास्थल पहले से ज्यादा व्यवस्थित नजर आता है। वहीं किसान नेताओं का कहना है कि यूपी ही नहीं बल्कि सभी बॉर्डर पर अब पहले जैसी बात नहीं है। किसानों ने आंदोलन को गांव-गांव शिफ्ट कर दिया है।

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    किसान बारी-बारी से यूपी गेट पर प्रदर्शन के लिए आते हैं।

    ​​​​​नई दिल्ली/गाजियाबाद, ऑनलाइन डेस्क। Farmers Protest:  दिल्ली-उत्तर प्रदेश स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या घटने के पीछे यह बात सामने आ रही है कि जब यहां पर भाकियू नेता राकेश टिकैत आते हैं तो भीड़ बढ़ती है और उनके जाते ही प्रदर्शनकारी चले जाते हैं। यह सिलसिला पिछले डेढ़ महीने से भी अधिक समय से चल रहा है। इसी के साथ जब भी कोई बड़ा किसान नेता आता है तो प्रदर्शकारियों की संख्या में इजाफा हो जाता है। बावजूद इसके कभी-कभार तो गाजीपुर गेट पर प्रदर्शकारियों की संख्या 200 से भी कम हो जाती है। सोमवार से लेकर शुक्रवार तक यही स्थिति रहती है फिर वीकेंड पर शनिवार से प्रदर्शनकारी बढ़ने शुरू हो जाते हैं। इसके पीछे दूसरी बड़ी वजह यह है कि प्रदर्शनकारियों को साफ संंदेश दिया गया है कि जब भी कोई बड़ा आयोजन या नेता आए तो भीड़ जुटानी है। कहने का मतलब भीड़ घटने के पीछे राकेश टिकैत का नदारद रहना और बड़े नेताओं का नहीं आना है।

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    शनिवार को भी गाजीपुर बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी आने शुरू हो गए हैं, लेकिन सोमवार शाम तक फिर प्रदर्शनकारियों की संख्या 200 से कम हो जाएगी। यह अलग बात है कि गाजीपुर बॉर्डर के किसान आंदोलन स्थल पर अब काफी कम भीड़ है। ज्यादातर पंडाल खाली पड़े हुए हैं। कहीं पंडालों में कुछ लोग बैठे हैं। इनमें भी ज्यादातर बुजुर्ग हैं। युवा चेहरे अब यहां नहीं दिखते। हालांकि, गाजीपुर के किसानों का धरनास्थल पहले से ज्यादा व्यवस्थित नजर आता है। वहीं, किसान नेताओं का कहना है कि बॉर्डर पर अब पहले जैसी बात नहीं है। किसानों ने आंदोलन को गांव-गांव शिफ्ट कर दिया है। अब कुछ बड़ा होगा तब ही यहां भीड़ जुटेगी।

    क्या अपनी खेती संभालने के लिए चले जाते हैं किसान

    जानकारों का मानना है कि किसानों ने रणनीति बनाई है कि वह बड़ी संख्या में प्रदर्शन नहीं करके बारी-बारी से आएंगे। एक समूह कुछ दिन प्रदर्शन करेगा फिर दूसरा समूह आएगा तो पहला समूह खेती-किसान संभालने के लिए चला जाएगा। यह फैसला कुछ महीने पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किया था। इस पर अमल के तहत ही किसान बारी-बारी से यूपी गेट पर प्रदर्शन के लिए आते हैं।

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    राकेश टिकैत की अनुपस्थिति में मंच की कमान संभालते हैं गौरव टिकैत

    भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत लगातार देशभर में आयोजित हो रही महापंचायतों में शामिल हो रहे हैं। ऐसे में गाजीपुर गेट पर राकेश टिकैत की अनुपस्थिति में मंच की कमान उनके भतीजे और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के बेटे गौरव टिकैत संभालते हैं। वह जोरदार भाषण देने के लिए भी जाने जाते हैं। 17 मार्च को जब किसानों की महापंचायत हुई थी तो गौरव टिकैत ने ही सारा प्रबंधन देखा था।

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    लगा रहा जाम

    यूपी गेट पर रास्ता बंद होने का असर बृहस्पतिवार को खोड़ा, ईडीएम माल, महाराजपुर और भोपुरा सीमा पर दिखा। इन स्थानों पर वाहनों का दबाव बढ़ने से दिनभर वाहन रेंगते रहे। कई बार जाम की स्थिति भी बनी। यातायात पुलिस अधीक्षक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि यूपी गेट के प्रदर्शन के कारण रूट डायवर्जन किया गया है। यूपी गेट स्थित धरनास्थल पर पिछले दिनों पंजाब से कुछ प्रदर्शनकारी पहुंचे। यहां उन्होंने राकेश टिकैत से मुलाकात की और उन्हें समर्थन दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक यह धरना चलेगा, वह साथ रहेंगे।

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