Delhi Election: कभी छह महानगर परिषद क्षेत्रों में एक था गीता कॉलोनी, विधानसभा परिसीमन होते ही खत्म हुआ अस्तित्व
गीता कॉलोनी का इतिहास महानगर परिषद के समय से है। यमुना पार के छह महानगर परिषद में गीता कॉलोनी की एक अलग पहचान थी। 1993 में विधानसभा अस्तित्व में आने पर गीता कॉलोनी को कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र में मिला दिया गया। इस तरह गीता कॉलोनी की पहचान सिमट गई। जानिए गीता कॉलोनी के इतिहास और विधानसभा क्षेत्र बनने की कहानी।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। गीता कॉलोनी...। इसका इतिहास पुराना है। जब विधानसभा का गठन नहीं हुआ तो दिल्ली में महानगर परिषद हुआ करता था। यमुनापार के छह महानगर परिषद क्षेत्रों में से गीता कॉलोनी एक था। इसका क्षेत्र का अपना परिषद सदस्य होता था, जिसका कद विधायक बराबर होता था, लेकिन वर्ष 1993 में विधानसभा अस्तित्व में आई तो महानगर परिषद के इतिहास बनते ही गीता कॉलोनी का वजूद धूमिल हो गया। विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन में कृष्णा नगर सीट बनाई गई, इसमें गीता कॉलोनी का विलय कर दिया गया।
देश की राजधानी में वर्ष 1966 से 1990 के बीच दिल्ली महानगर परिषद हुआ करता था। वर्ष 1966 परिषद की अंतरिम टीम बनाई गई, जिसके चेयरमैन जग प्रवेश चंद्र थे। एक साल के भीतर ही निर्वाचन के जरिये पूर्णकालिक सरकार चुनी गई, जिसके चेयरमैन एलके आडवाणी बने, उन्होंने 19 अप्रैल 1970 तक पद की जिम्मेदारी संभाली। उसी कार्यकाल के दौरान श्याम चरण गुप्ता को चेयरमैन बनाया गया, वह 19 मार्च 1972 तक चेयरमैन रहे। इस दौर में परिषद की यमुनापार में शाहदरा, गांधी नगर और घोंडा सीट हुआ करती थी।
पहले परिसीमन में यमुनापार में चार सीटें हो गईं
वर्ष 1972 में दूसरे चुनाव से पहले परिसीमन में बदलाव किया गया तो यमुनापार में चार सीटें हो गईं। उनमें शाहदरा, गीता कॉलोनी, गांधी नगर और घोंडा शामिल थी। वर्ष 1977 में परिषद का तीसरा चुनाव हुआ तो यमुनापार की सीटें बढ़ा कर छह कर दी गईं, जिसमें कृष्णा नगर और रोहतास नगर को अलग पहचान दे दी गई। वर्ष 1983 में आखिरी चुनाव हुआ।
एलजी ने प्रशासक की भूमिका में दिल्ली का शासन संभाला
परिषद का आखिरी कार्यकाल निर्धारित वक्त से अधिक सात वर्ष चला, जो कि वर्ष 1990 में खत्म हुआ। परिषद के आखिरी कार्यकाल के सदस्य रहे कांग्रेस नेता नरेंद्र नाथ बताते हैं कि विधानसभा गठन की तैयारियां शुरू करने के लिए कमेटी बनाई गई थी, उस कारण कार्यकाल लंबा हो गया। फिर वर्ष 1993 में विधानसभा गठन के पहले तक एलजी ने प्रशासक की भूमिका में दिल्ली का शासन संभाला था।
वर्ष 1993 में विधानसभा का पहला चुनाव हुआ था
इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि वर्ष 1993 में विधानसभा के अस्तित्व में आने पर शाहदरा, गांधी नगर, कृष्णा नगर, रोहतास नगर और घोंडा तो विधानसभा क्षेत्र बन गए, लेकिन गीता कॉलोनी को छोड़ दिया गया। इसे कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र के अधीन कर दिया गया। इस तरह गीता कॉलोनी की पहचान सिमट गई। वर्ष 1993 में विधानसभा का पहला चुनाव हुआ था।
ये रहे गीता कॉलोनी महानगर परिषद क्षेत्र के सदस्य
वर्ष | निर्वाचित सदस्य | पार्टी |
1967 | - | - |
1972 | ब्रजलाल गोस्वामी | कांग्रेस |
197 | ईश्वर दास महाजन | जनता पार्टी |
1983 | दर्शन कुमार बहल | भाजपा |
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