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    दिल्ली में सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों का मामला, जानिए अन्य डिटेल

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 18 Apr 2022 03:15 PM (IST)

    भाजपा नेताओं का कहना है कि यह मामला देश की सुरक्षा और देशवासियों के अधिकार से जुड़ा हुआ है। दिल्ली सरकार को घुसपैठियों की पहचान और उनके निष्कासन के साथ ही उन्हें यहां आने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।

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    जहांगीरपुरी में भड़की हिंसा के बाद क्षतिग्रस्त पुलिस और आमजन का वाहन।

    नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। जहांगीरपुरी हिंसा में बांग्लादेशियों की संलिप्तता की बात सामने आने के बाद एक बार फिर से दिल्ली में अवैध घुसपैठियों का मुद्दा गर्म होने लगा है। लगभग ढाई वर्ष पहले विधानसभा चुनाव के समय यह मुद्दा जोरशोर से उठा था। भाजपा नेता बांग्लादेश और रोहिंग्या घुसपैठियों को राजधानी व देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताते हुए इन्हें बाहर निकालने की मांग कर रहे थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) व कांग्रेस पर देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर इन घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। चुनाव के बाद यह मामला शांत हो गया था। अब एक बार फिर से भाजपा नेता इसे लेकर मुखर होने लगे हैं।

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    राजधानी में लाखों की संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिम रहते है। यह बड़ी समस्या है। इसे लेकर राजनीति भी खूब होती है, लेकिन समस्या का समाधान दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। भाजपा भी अमूमन चुनाव के समय ही इस मुद्दे पर ज्यादा जोर देती है। विधानसभा चुनाव के समय भी कई भाजपा नेताओं ने दिल्ली में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की मांग की थी। चुनाव के बाद पार्टी ने इस विषय पर लगभग चुपी साध ली थी।

    हनुमान जन्मोत्सव पर निकली शोभाय़ात्रा पर पथराव व हिंसा के बाद प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता सहित अन्य भाजपा नेता घुसपैठियों की समस्या को उठाना शुरू किया है। वह इस समस्या के लिए विरोधी पार्टियों को जिम्मेदार मानते हैं। उनका कहना है कि राजनीतिक संरक्षण की वजह से राजधानी घुसपैठियों का बड़ा ठिकाना बन गया है। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना का कहना है कि वर्ष 1991 से वर्ष 2011 के बीच राजधानी में मुस्लिमों की आबादी 140 प्रतिशत के करीब बढ़ी है।

    इससे स्पष्ट है कि काफी संख्या में बांग्लादेशी व रोहिंग्या यहां बस गए है। यह चिंता की बात है और भाजपा 1990 के दशक से ही इस विषय को उठाती रही है। पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना ने इसे लेकर आंदोलन भी किया था। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह मामला देश की सुरक्षा और देशवासियों के अधिकार से जुड़ा हुआ है। दिल्ली सरकार को घुसपैठियों की पहचान और उनके निष्कासन के साथ ही उन्हें यहां आने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।

    दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि दिल्ली में बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) संरक्षण दे रही है। राजनीतिक लाभ के लिए घुसपैठियों को राशन कार्ड व अन्य सरकारी कागजात बनाए जा रहे हैं। उन्हें मुफ्त बिजली, पानी व राशन दिया जा रहा है। भाजपा चुप नहीं रहेगी। इसे लेकर आंदोलन किया जाएगा।