Delhi AIIMS: दिल्ली एम्स बनाएगा नया मोबाइल एप, एक क्लिक पर मिलेगी जांच रिपोर्ट
Delhi AIIMS जिसमें से करीब 50 प्रतिशत मरीजों को आनलाइन अप्वाइंटमेंट के जरिये देखने का प्रविधान है। मौजूदा समय में एम्स की बेड क्षमता 3194 हैं और 60 विभाग हैं। इसके अलावा आठ सेंटर हैं। मरीजों के बढ़ते दबाव के कारण एम्स का विस्तार किया जाना है

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। एम्स प्रशासन ने संस्थान को डिजिटल और आनलाइन सुविधा को बेहतर बनाने के लिए सलाहकार कंपनी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ताकि संस्थान के लिए एकीकृत चिकित्सा विश्वविद्यालय सूचना प्रणाली विकसित की जा सके। इसके तहत एम्स एक नया मोबाइल एप भी बनाएगा। यह एप तैयार होने पर एम्स में इलाज के लिए मरीज आसानी से आनलाइन अप्वाइंटमेंट ले सकेंगे।
साथ ही मोबाइल पर ही एक क्लिक पर रिपोर्ट भी उपलब्ध हो जाएगी। इससे मरीजों को रिपोर्ट मिलने में आसानी होगी और उनका मेडिकल रिकार्ड मोबाइल पर हमेशा उपलब्ध होगा। वैसे एम्स की वेबपोर्टल के जरिये यह सुविधा मौजूद है लेकिन मौजूदा समय में एम्स का मोबाइल एप नहीं है। पहले एम्स का एप था, जिसके मदद से आनलाइन अप्वाइंट लेने की सुविधा थी।
यह मोबाइल एप तकनीकी कारणों से कुछ समय पहले बंद कर दिया गया। एम्स की ओपीडी में हर रोज करीब 13 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। जिसमें से करीब 50 प्रतिशत मरीजों को आनलाइन अप्वाइंटमेंट के जरिये देखने का प्रविधान है। मौजूदा समय में एम्स की बेड क्षमता 3194 हैं और 60 विभाग हैं। इसके अलावा आठ सेंटर हैं। मरीजों के बढ़ते दबाव के कारण एम्स का विस्तार किया जाना है और विश्वस्तरीय चिकित्सा विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना है।
इसके मद्देनजर एकीकृत चिकित्सा विश्वविद्यालय सूचना प्रणाली विकसित करने की पहल की गई है। इस पर कुछ समय पहले एम्स प्रशासन ने संस्थान के डाक्टरों व कर्मचारियों से सुझाव भी मांगे थे। इसी क्रम में अब इस सुविधा को विकसित करने के लिए सलाहकार कंपनी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि एप मरीजों के अलावा संस्थान में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए भी मददगार होगा।
इस एप के माध्यम से मरीज संस्थान में विभिन्न बीमारियों के विशेषज्ञ डाक्टरों की जानकारी ले सकेंगे। एम्स में दूर दराज से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में गंभीर बीमारियों से पीडि़त नए मरीजों के सामने यह एक बड़ा सवाल होता है कि वे किस डाक्टर को दिखाएं। मरीजों की यह समस्या भी मोबाइल एप दूर करेगा।
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