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Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana: सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की नकल करने पर हाई कोर्ट ने दी चेतावनी, जानिए पूरा मामला?

राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्त को चुनौती देने वाली एक याचिका काे दिल्ली हाई कोर्ट ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका का नकल बताया। राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को दी गई है चुनौती।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 06:29 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 06:29 PM (IST)
Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana: सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की नकल करने पर हाई कोर्ट ने दी चेतावनी, जानिए पूरा मामला?
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दी भविष्य में ऐसा न करने की याची के अधिवक्ता को चेतावनी।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गुजरात कैडर के आइपीएस राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्त को चुनौती देने वाली एक याचिका काे दिल्ली हाई कोर्ट ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका का नकल बताया। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने साथ ही याचिकाकर्ता को भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी दी।

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पीठ ने सुनवाई दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा याचिका में लिखी गई बातों को समझाने में असमर्थता जताने पर नाराजगी जताई। मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई की शुरूआत में याचिकाकर्ता सदरे आलम के अधिवक्ता बीएस बग्गा से पूछा कि सुपर स्केल टाइम से आपका क्या मतलब है। पीठ ने यह सवाल कई बार पूछा, लेकिन बग्गा इसका जवाब नहीं दे सके और उन्होंने इस पर जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा। इस पर पीठ ने कहा कि हम याचिका को जुर्माना के साथ खारिज करेंगे, आपने याचिका की नकल की है। बिना जानकारी के आप कुछ भी लिख रहे हैं। पीठ ने साथ ही अन्य याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रशांत भूषण से कहा कि आप लोग हर जगह अपनी कापी भेज रहे हैं, ऐसा न करें।

पीठ ने कहा कि याचिका में अर्धविराम और पूर्णविराम भी नकल किया गया है। बग्गा ने अदालत से समय देने की मांग की। इस पर पीठ ने सुनवाई 27 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। वहीं, याचिका को राकेश अस्थाना ने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया है। केंद्र सरकार ने भी हलफनामा दाखिल करके अस्थाना की नियुक्ति का बचाव किया था।

केंद्र ने दलील दी है कि सार्वजनिक हित व राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर अंतरराष्ट्रीय-सीमा प्रभाव के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी के सामने आने वाली विविध कानून-व्यवस्था की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अस्थाना की पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति की गई है। याचिकाकर्ता सदरे आलम और गैर सरकारी संगठन सेंटर फार पब्लिक इंट्रेस्ट (सीपीआइएल) ने अस्थाना की नियुक्ति से जुड़े 27 जुलाई के गृह मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी है और इसे रद करने की मांग की है।


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