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    Kisan Andolan At Singhu Border: आंदोलनकारियों ने फिर फ्री कराया केजीपी का टोल, प्रशासन को चेतावनी भी दी डाली

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Sat, 20 Mar 2021 09:03 AM (IST)

    Kisan Andolan At Singhu Border आंदोलनकारियों ने टोल प्लाजा पर पहुंचकर टोल वसूल रहे कर्मचारियों को बूथ से बाहर निकलवा दिया और दोबारा टोल नहीं वसूलने की चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक आंदोलन है टोल फ्री रहेगा।

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    आंदोलनकारियों ने एक बार फिर से केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) एक्सप्रेस-वे का टोल फ्री करवा दिया।

    नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ 28 नवंबर से शुरू हुआ किसानों का धरना-प्रदर्शन शनिवार को भी जारी है। दिल्ली-एनसीआर के चारों प्रमुख बॉर्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर) पर हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शनकारी अपने मांगों को लेकर डटे हुए हैं। इस बीच सोनीपत में कृषि कानून के विरोध में कुंडली बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारियों ने एक बार फिर से केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) एक्सप्रेस-वे का टोल फ्री करवा दिया। बृहस्पतिवार देर शाम आंदोलनकारियों ने टोल प्लाजा पर पहुंचकर टोल वसूल रहे कर्मचारियों को बूथ से बाहर निकलवा दिया और दोबारा टोल नहीं वसूलने की चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक आंदोलन है, टोल फ्री रहेगा।

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    कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान दिसंबर में संयुक्त मोर्चा ने सभी टोल फ्री कराने का एलान किया था। इसके बाद अधिकांश टोल फ्री हो गए थे, लेकिन 26 जनवरी को दिल्ली में हुए उपद्रव के बाद आंदोलन कमजोर पड़ने के कारण सभी टोल चालू कर दिए गए। इसके बाद फिर से आंदोलनकारियों ने फरवरी के शुरुआती दिनों में टोल फ्री करने का एलान कर दिया था। इसके कारण जीटी रोड और अन्य मार्गों पर टोल फ्री हैं, लेकिन केजीपी पर टोल वसूला जा रहा था। इसकी भनक लगने पर बृहस्पतिवार देर शाम आंदोलन में शामिल भारतीय किसान पंचायत के सदस्यों व अन्य आंदोलनकारी टोल प्लाजा पर पहुंच गए। उन्होंने टोल बूथ के अंदर मौजूद कर्मियों को बाहर निकाल दिया।

    यूपी गेट पर भाकियू नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में चल रहे किसान आंदोलन को छोड़ दें तो हरियाणा-दिल्ली सीमा पर युवा किसान आए दिन कोई न कोई ऐसा काम करते हैं जिसके सामने आंदोलनकारी किसान भी असहाय नजर आते हैं। युवा किसान कभी किसी रास्ते को बंद कर देते हैं तो कभी सरकार के खिलाफ अनर्गल नारेबाजी पर उतर आते हैं। कई बार आंदोलन का उग्र रूप दिखाई देता है।

    वहीं, किसान महापंचायत को सम्बोधित कर लौट रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत एवं उनके समर्थकों पर शुक्रवार को कटक गुरुद्वारा के सामने हमला करने का प्रयास किया गया। हमला करने वालों की पहचान देव सेना के कार्यकर्ताओं के रूप में हुई है। इस हमले में किसान नेता राकेश टिकैत को चोट नहीं आई। करीब आधे घंटे तक गुरुद्वारे के सामने अफरातफरी की स्थिति बनी रही। स्थानीय पुलिस ने जल्द हालात काबू में कर लिया।

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