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    Delhi: 2030 तक ग्लोबल वॉर्मिंग पर लगाम लगाने के लिए पूरा करना होगा ये लक्ष्य, नए विश्लेशण में खुलासा

    By Jagran NewsEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Fri, 16 Jun 2023 01:56 AM (IST)

    वैश्विक पवन और सौर क्षमता को इस दशक के अंत तक लगभग 10 टेरावाट तक बढ़ाने की ज़रुरत है। साल 2022 में यह 2 टेरावाट थी। अगर हाल की क्षमता वृद्धि में तेज़ी बनी रहती है तो यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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    अगर हाल की क्षमता वृद्धि में तेज़ी बनी रहती है तो यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। एक नए विश्लेषण से यह पता लगता है कि कार्बन डाईऑक्साईड रिमूवल (सीडीआर) तकनीक के कम से कम इस्तेमाल और सस्टेनेबल तरीक़े अपनाकर अगर हम ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना चाहते हैं तो  2030 तक पांच गुना तेज़ दर से हमें  1.5 टेरावॉट नई विंड और सोलर ऊर्जा क्षमता को स्थापित करने की ज़रुरत है।

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    वैश्विक पवन और सौर क्षमता को इस दशक के अंत तक लगभग 10 टेरावॉट तक बढ़ाने की ज़रुरत है। साल 2022 में यह 2 टेरावॉट थी। अगर हाल की क्षमता वृद्धि में तेज़ी बनी रहती है तो यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

    क्या बोली पॉलिसी प्रमुख ?

    क्लाइमेट एनालिटिक्स में पॉलिसी प्रमुख, क्लेयर फायसन कहती हैं कि, "यूरोपीय संघ से लेकर सीओपी प्रेसीडेंसी तक हर कोई एक वैश्विक रिन्यूएबल्स लक्ष्य स्थापित करने का आह्वान कर रहा है, लेकिन यह नेट ज़ीरो प्राप्त करने के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग पर आधारित होना चाहिए। हमने यह दिखाया है कि अगर दुनिया 2030 तक जीवाश्म उपयोग में 40% की कटौती के साथ-साथ नई विंड और सोलर एनर्जी को पांच गुना बढ़ाकर कम से कम 1.5 टेरावॉट प्रति वर्ष कर देती है, तो हमें भविष्य में कार्बन डाइऑक्साइड हटाने की ऐसी संभावित मात्रा पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा जो टिकाऊ या सस्टेनेबल नहीं हो।”

    अध्ययन उन प्रमुख लक्ष्यों को साफ़ तौर से बताता है जो 2030 तक ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए दुनिया को हासिल करने की ज़रुरत है। इन में इस दशक में रिन्यूएबल एनर्जी को तेज़ी से वैश्विक एनर्जी  मिश्रण में 70% तक बढ़ाना, वैश्विक उत्सर्जन को 2030 तक आधा करने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में प्रति वर्ष 8% की कटौती करना और जलवायु कार्रवाई के लिए इस महत्वपूर्ण दशक में वैश्विक मीथेन उत्सर्जन में 34% कटौती करना शामिल है। एनर्जीक्षेत्र में मीथेन उत्सर्जन को और भी तेज़ी से, 66% तक, कम करने की आवश्यकता होगी।

    अध्ययन के  प्रमुख निष्कर्ष  

    1. 2030 तक 1.5 टेरावॉट/वर्ष से अधिक नई पवन और सौर क्षमता स्थापित करें

    2. 2030 तक बिजली उत्पादन में कम से कम 70% नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करना

    3. 2030 तक जीवाश्म ईंधन उत्पादन में लगभग 40% की कटौती - प्रति वर्ष 6%

    4. 2030 तक वैश्विक उत्सर्जन को आधा करना, प्रति वर्ष 8% की वार्षिक कटौती करना

    5. इस दशक में मीथेन उत्सर्जन में 34% की कटौती और ऊर्जा क्षेत्र में मीथेन

    विंड और सोलर एनर्जी पर करना होगा फोकस

    क्लाइमेट एनालिटिक्स में एनर्जी एंड क्लाइमेट एनालिस्ट डॉ. नील ग्रांट कहते हैं कि,"हमारा तरीक़ा प्रौद्योगिकियों और लागतों पर केवल सबसे अद्यतित जानकारी के साथ नवीनतम वैश्विक मार्ग लेती है। हम जानते हैं कि विंड और सोलर एनर्जी तेज़ी से बढ़ सकते हैं और जीवाश्म ईंधन की क़ीमत से कम हो सकते हैं। हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि वे इस दशक में अत्यावश्यक ज़रुरत के एक बड़े हिस्से को पूरा कर सकते हैं, तो आइए उनके रोलआउट को फ़ास्ट ट्रैक करें।”