Tahawwur Rana: 26/11 आरोपी तहव्वुर राणा को कोर्ट से लगा झटका, परिजनों से बातचीत की अर्जी खारिज
26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की परिवार से बात करने की याचिका अदालत ने खारिज कर दी। एनआईए ने राणा की याचिका का विरोध किया आशंका जताई कि वह महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर सकता है। अदालत ने एनआईए की दलील को मानते हुए राणा को फ़िलहाल परिवार से बात करने की अनुमति नहीं दी क्योंकि मामला अभी महत्वपूर्ण चरण में है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अदालत ने 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा की अपने स्वजन से बात करने की याचिका खारिज कर दी। पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने राणा के आवेदन पर उसके अधिवक्ता और एनआइए की दलील सुनने के बाद कहा कि राणा को स्वजन से बात करने की अनुमति नहीं है।
एनआइए ने राणा की याचिका का विरोध करते हुए दलील दी थी कि उसको अगर अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति दी गई तो वह महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर सकता है। एजेंसी ने कहा कि मामला अभी महत्वपूर्ण चरण में है। वहीं, राणा की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी थी कि विदेशी नागरिक होने के नाते ये राणा का मौलिक अधिकार है कि वह अपने परिवार से बात करे, जो उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।
तहव्वुर राणा 28 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में
राणा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें उसने ये कहते हुए परिवार से बात करने का अनुरोध किया था कि ये उसका मौलिक अधिकार है। बता दें कि राणा 28 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में है। एनआइए ने आरोप लगाया था कि आपराधिक साजिश के एक हिस्से के रूप में, आरोपित डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले राणा के साथ पूरे आपरेशन पर चर्चा की थी।
हेडली ने राणा को संपत्तियों का ब्यौरा देते हुए एक ईमेल भेजा
एनआईए ने उसकी रिमांड की मांग करते हुए दलील दी थी कि हेडली ने राणा को अपने सामान और संपत्तियों का विवरण देते हुए एक ईमेल भेजा था। हेडली ने राणा को इस साजिश में पाकिस्तानी नागरिकों इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की संलिप्तता के बारे में भी बताया, जो मामले में आरोपित हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।