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    सरकार का साथ मिलने के बाद आंदोलन को धार देगा स्‍वदेशी जागरण मंच

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Wed, 13 May 2020 10:05 PM (IST)

    संघ प्रमुख मोहन भागवत के आग्रह के बाद जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वदेशी वस्‍तुओं की पैरोकारी की है उससे स्‍वदेशी जागरण मंच खासा उत्‍साहित है।

    सरकार का साथ मिलने के बाद आंदोलन को धार देगा स्‍वदेशी जागरण मंच

    नई दिल्‍ली [नेमिष हेमंत]। वैश्‍विक महामारी कोरोना को एक अवसर की तरह लेने के संघ प्रमुख मोहन भागवत के आग्रह के बाद जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वदेशी वस्‍तुओं की पैरोकारी की है, उससे स्‍वदेशी जागरण मंच खासा उत्‍साहित है। रणनीतिक रूप से अब उसका स्‍वदेशी आंदोलन बदलाव का ठोस आग्रह करते दिख रहा है। ऐसे में उसने अपनी लड़ाई को और मुखर, व्‍यापक और सर्वग्राही बनाने की तैयारी की है, जिसमें उपभोक्‍ता, विक्रेता से लेकर उत्‍पादनकर्ता तक शामिल होंगे।

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    अभियान का बड़ा चरण पूरा

    स्‍वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्‍मीरी लाल कहते हैं कि अभियान का बड़ा चरण एक प्रकार से पूरा हुआ है, जब सरकार की ओर से इस तरह की बात ठोस तरीके से कहीं गई है। पर इस अभियान का यह 30 फीसद ही भाग है, 70 फीसद भागेदारी तो जनता की होगी। जब तक जनता की ओर से यह मांग नहीं आएगी कि हमें स्‍वदेशी ही चाहिए, तब तक लक्ष्‍य पूरा नहीं होगा। इसलिए हम स्‍वदेशी आग्रह को व्‍यापक बनाना चाहते हैं, इसके लिए खरीदारों के साथ दुकानदारों और उत्‍पादनकर्ताओं तक पहुंच बनाएंगे।

    चीन के खिलाफ बने माहौल के कारण स्‍वदेशी को मिली ताकत 

    वैसे, कोरोना को लेकर चीन के खिलाफ बने माहौल को देखते हुए इस लॉकडाउन में भी मंच का अभियान चल रहा है। 25 अप्रैल को मंच के आग्रह पर राष्‍ट्रीय स्‍तर पर घरों में स्‍वदेशी दिवस मनाया गया, जिसमें चीन के उत्‍पादों के बहिष्‍कार व स्‍वदेशी को अपनाने का संकल्‍प लोगों को दिलाया गया। इसके बाद 11 मई को पोखरण दिवस मनाया गया, जो वैश्‍विक स्‍तर पर स्‍वदेशी धमक का बड़ा प्रतीक रहा है। कश्‍मीरी लाल कहते हैं कि स्‍वदेशी का आग्रह राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी का भी था, पर स्‍वतंत्रता के बाद किसी सरकार ने इसमें दिलचस्‍पी नहीं दिखाई। पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने गंभीरता दिखाई, अब मोदी सरकार ने इसे देश का मंत्र बनाने का बीड़ा उठाया है।

    पीएम और मोहन भागवत ने खुलकर की है स्‍वदेशी की पैरोकारी

    उन्‍होंने कहा कि अब जबकि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वदेशी की खुलकर पैरोकारी की है तो हमारा उत्‍साह और जिम्‍मेदारियां दोनों बढ़ गई है। ऐसे में जो कार्यक्रम हमने लॉकडाउन के बाद के लिए तय किए थे, उसे अभी से शुरू करने जा रहे हैं, इसमें स्‍कूल, कालेज के छात्रों को जागरूक करने, विदेशी वस्‍तुओं की होली जलाने, चीन की कुटील नीतियों पर जनजागरण अभियान और चीनी उत्‍पादों के बहिष्‍कार का संकल्‍प कराना शामिल है। हम युवाओं को प्रोत्‍साहित करेंगे कि वह स्‍वरोजगार करें और खुद का उत्‍पादन तैयार करें। इसी तरह दुकानदारों को जागरुक करेंगे कि वह अपने आस-पास के लोगों से अच्‍छा व्‍यवहारिक संबंध बनाएं ताकि बहुराष्‍ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों को भी टक्‍कर दी जा सकें।

    लोगों को किया जाएगा जागरूक

    मंच के राष्‍ट्रीय संयोजक अरुण ओझा ने कहा कि इस अभियान में हम लोगों को इसके लिए भी जागरूक करेंगे कि कौन से उत्‍पाद देसी है, कौन से विदेशी। मतलब हम स्‍वदेशी उत्‍पादों के प्रचार प्रसार में भी हाथ आजमाएंगे। उन्‍होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि वह अपनी मंशा को आगे बढ़ाते हुए हर सरकारी खरीद में स्‍वदेशी वस्‍तुओं को प्राथमिकता दें। इसे अनिवार्य किया जाएं। इससे स्‍वदेशी को बड़ा बल मिलेगा।

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