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    Sushma Swaraj Death: दिल्‍ली के इस एरिया में शादी के कार्ड में छपता था सुषमा का नाम

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Wed, 07 Aug 2019 12:03 PM (IST)

    Sushma Swaraj पश्चिमी दिल्ली से पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का गहरा नाता रहा है। यहां के लोगों से उनका अपनापन कई बार शादी-ब्‍याह के मौके पर दिख जा ...और पढ़ें

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    Sushma Swaraj Death: दिल्‍ली के इस एरिया में शादी के कार्ड में छपता था सुषमा का नाम

    नई दिल्ली, (गौतम कुमार मिश्र)। Sushma Swaraj: डाबड़ी फ्लाईओवर, नजफगढ़ स्थित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का जोनल कार्यालय, द्वारका में निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर। पश्चिमी दिल्ली के बड़े इलाके में ऐसी अनेक इमारतें हैं, जिनसे पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का गहरा नाता रहा है। इनकी नींव रखे जाने से लेकर उद्घाटन तक में उन्होंने किसी न किसी स्तर पर योगदान अवश्य दिया। उनके संबोधन में एक खास बात नजर आती थी, वह थी पश्चिमी दिल्ली के प्रति उनका लगाव और चिंता।

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    यहां से रही थीं सांसद
    कभी पश्चिमी दिल्ली का एक बड़ा इलाका दक्षिणी दिल्ली संसदीय सीट का हिस्सा हुआ करता था, सुषमा इस सीट से सांसद भी रही हैं। स्थिति ऐसी थी कि लोग अपने बेटा-बेटी की शादी के कार्ड में सुषमा स्वराज का नाम बतौर अभिभावक लिखकर उनसे अपना जुड़ाव दिखाते थे। सुषमा भी ऐसे लोगों को निराश नहीं करती थीं, उनके हर समारोह में शरीक होकर उनसे अपनापन दिखाना उनके व्यक्तित्व की बड़ी खूबी थी।

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    कन्‍वेंशन सेंटर की अाधारशिला में आयी थीं सुषमा
    क्षेत्र में सुषमा आखिरी बार तब आईं, जब द्वारका में वल्र्ड कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला रखी गई। द्वारका में आयोजित इस समारोह में सुषमा ने कहा था कि इस परियोजना का सबसे अधिक फायदा पश्चिमी दिल्ली को मिलेगा। करीब सात वर्ष पूर्व जब डाबड़ी में फ्लाईओवर का उद्घाटन हो रहा था तब उन्होंने कहा था, मैं पश्चिमी दिल्ली को बड़ी नजदीक से जानती हूं।

    बस एक बार पूछती थीं नाम और फिर हो जाता था याद
    दक्षिणी दिल्ली निगम के पूर्व महापौर सुभाष आर्य बताते हैं कि सुषमा स्वराज की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे सामने वाले से सीधे जुड़ जाती थीं। पहली बार मिलने पर वह आपसे आपका नाम पूछती लेकिन अगली बार नाम से ही पुकारती। इस तरह का व्यक्तित्व राजनीति में विरले होता है। दक्षिणी दिल्ली निगम के स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष राजेश गहलोत बताते हैं कि वे ऐसी नेता थीं जिनके पास जाकर आपको सही सलाह मिलती थी।

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