'सॉरी सर मैं स्पेशल कैटेगरी से नहीं हूं...', IAS में सिलेक्ट होने वाले सूरज तिवारी ने क्यों दिया ऐसा जवाब?
Suraj Tiwari मैनपुरी के रहने वाले सूरज तिवारी ने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया है जिसका जवाब सुनने के बाद सभी मेंबर सूरज से काफी प्रभावित हुए।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कोशिश करने वालों की हार नहीं होती... ये पंक्तियां UPSC परीक्षा में अपनी सफलता का परचम लहराने वाले सूरज तिवारी पर सही साबित होती हैं।
ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने वाले सूरज ने यूपीएससी परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल की है। इस सफलता के बाद सूरज को हर कोई बधाई हुए उनके संघर्ष की कहानी को सच्ची प्रेरित कहानी बता रहा है।
अब सूरज तिवारी ने खुलासा करते हुए बताया कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए हुए इंटरव्यू में जब एक अधिकारी ने उससे सवाल किया, जिसका जवाब सुनने के बाद सभी मेंबर सूरज से काफी प्रभावित हुए।
सूरज ने किया इंटरव्यू का खुलासा
मैनपुरी के रहने वाले सूरज तिवारी ने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया है।
उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वह यूपीएससी परीक्षा के दौरान इंटरव्यू दे रहे थे तो एक अधिकारी ने उनसे पूछा कि वह एक स्पेशल कैटेगरी से आते हैं और आने वाले दिनों में वह अपनी कैटेगरी के लोगों के लिए किसी तरह की स्कीम बनाना चाहेंगे।
'सॉरी सर...'
इसके जवाब में सूरज ने अधिकारी से कहा कि मैं किसी स्पेशल कैटेगरी से नहीं आता, मैं आप ही की तरह हर काम को करने में सक्षम हूं। वहीं, सूरज का यह जवाब सुनने के बाद पैनल में मौजूद अधिकारियों ने उनकी जमकर तारीफ की।
ट्रेन दुर्घटना में गंवाएं थे दोनों पैर
बता दें कि सूरज ने 24 जनवरी 2017 में गाजियाबाद के दादरी में हुई एक ट्रेन दुर्घटना में अपने दोनों पैरों के साथ-साथ अपने दाहिने हाथ और बाएं हाथ की दो अंगुलियों को खो दिया था। इसके बाद चार माह तक अस्पताल में रहे और करीब तीन माह तक बेड रेस्ट किया। इसके बाद भी सूरज हार नहीं मानी।
दुर्घटना के बाद JNU में लिया प्रवेश
वर्ष 2018 में उन्होंने जेएनयू दिल्ली में नए सिरे से बीए में प्रवेश लिया। वहां से वर्ष 2021 में बीए पास किया और एमए के प्रवेश ले लिया। बचपन से ही होनहार सूरज तिवारी पढ़ाई के साथ यूपीएससी की तैयारी करते रहे।
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