'मजबूरी में लगानी पड़ती है फटकार, अन्यथा में न ले सरकार', CM रेखा गुप्ता के बयान पर बोले सुप्रीम कोर्ट के जज
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि सरकार को जनहित में काम करना चाहिए और फटकार को अन्यथा नहीं लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के कूड़े की समस्या यमुना सफाई और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों के नवीनीकरण के प्रयासों की जानकारी दी ताकि कोर्ट से फटकार न लगे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सरकार और कोर्ट मिलकर जनहित में काम करते हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि अदालत सरकार को फटकार नहीं लगाना चाहती है और पहले अदालत सरकार से पूछती है कि काम किया या नहीं, जब संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो मजबूरी में फटकार लगानी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को समझना होगा और जनहित में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार फटकार को अन्यथा न लें। न्यायमूर्ति नाथ ने ये प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री के संबोधन में कही गई बातों पर दी।
कार्यक्रम को संबाेधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार कूड़े के पहाड़ों की निरंतर कम करने की दिशा में काम कर रही है। वहीं यमुना नदी की सफाई सहित नागरिक मुद्दों पर पूरी जिम्मेदारी से काम कर रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने दिल्ली के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों की मरम्मत और नवीनीकरण करके उन्हें काम करने लायक बनाया है। अंत में उन्होंने कहा कि यहां ये सारी जानकारी वे सिर्फ इसलिए दे रही हैं ताकि कल कोर्ट से ये न कहा जाए कि दिल्ली सरकार को फटकार लगी है।
वहीं, दूसरी ओर मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने कहा कि सरकार और कोर्ट एक साथ जनहित में काम करते हैं, ऐसे में फटकार लगाने जैसी कोई बात नहीं है। ये सब जनहित के लिए है।
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