दिल्ली-NCR के 100 से अधिक गैंगस्टर्स ने सुरक्षा एजेंसियों की नाक में किया दम, गोल्डी बराड़-लॉरेंस बिश्नोई भी इनमें शामिल
सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टरों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया है क्योंकि दिल्ली-एनसीआर के 100 से अधिक गैंगस्टर्स जेलों से गिरोह चला रहे हैं। तिहाड़ जेल जैसे स्थान उनके मुख्यालय बन गए हैं जहां से वे रंगदारी और हत्याएं करवाते हैं। हिमांशु भाऊ कपिल सांगवान रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ जैसे कुख्यात अपराधी जेलों या विदेशों से अपने नेटवर्क का संचालन कर रहे हैं।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर्स से जुड़े मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश यूं ही नहीं दिया है। पिछले कुछ समय में ये मुंबई के अंडरवर्ल्ड की तरह काम करने लगे हैं।
दिल्ली-एनसीआर के ही 100 से अधिक कुख्यात गैंगस्टर देश की विभिन्न जेलों या विदेश में बैठकर गिरोह चला रहे हैं। देश की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल हो या कोई अन्य जेल, ये गैंगस्टरों के लिए मुख्यालय बन गए हैं। यहीं से रंगदारी वसूलने के साथ हत्या जैसी वारदात को भी अंजाम दिया जा रहा है।
बताया गया कि हिमांशु उर्फ भाऊ, कपिल सांगवान उर्फ नंदू, रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़, लॉरेंस बिश्नोई, अनमोल बिश्नोई, ज्योति बाबा, काला जठेड़ी, छेनू, राशिद केबलवाला, हाशिम बाबा, कौशल चौधरी, अनवर चाचा, जग्गू भगवानपुरिया, संपत नेहरा, अजय वर्मा, अमित भूरा, नीरज बवाना, दीपक बाक्सर, मंजीत महाल व काला राणा आदि गैंग्सटरों के लिए जेल की कैद सुरक्षा कवच बन गई है।
येजेलों से मोबाइल के जरिये गिरोह चला रहे हैं और जो विदेश में हैं वे वहां से आसानी से गिरोह चला रहे हैं। गैंग्सटर अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला कनाडा तो कपिल सांगवान, ब्रिटेन से रंगदारी रैकेट चला रहा है। खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख और मारे गए आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का करीबी सहयोगी डल्ला, उत्तर-पश्चिम दिल्ली में एक व्यक्ति की नृशंस हत्या में शामिल है।
हिमांशु भाऊ, पुर्तगाल से गिरोह चला रहा है। इस पर 30 से अधिक हत्या के मामले दर्ज हैं। राजस्थान में करणी सेना प्रमुख सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के बाद सुर्खियों में आया रोहित गोदारा पहले पुर्तगाल में था। इस समय वह अमेरिका में रह रहा है।
वहीं, लारेंस बिश्नोई का सबसे करीबी सहयोगी गोल्डी बराड़, कई राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द है। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) भी उसका पीछा कर रही है। यह भी पहले कनाडा में था। अब अमेरिका में छिपा है।
दविंदर सिंह उर्फ बंबीहा सिंडिकेट के सबसे बड़े गुर्गे गौरव उर्फ लकी पटियाल ने मूसेवाला की हत्या के बाद बिश्नोई को खत्म करने की कसम खाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था। वह और सचिन बिश्नोई अजरबैजान में रह रहे हैं। गैंगस्टर से आतंकवादी बना लखबीर सिंह उर्फ लांडा हरिके, मोहाली में आरपीजी हमले और शिवसेना नेता की हत्या के अलावा दिल्ली व पंजाब के व्यापारियों को रंगदारी को काल किए जाने में शामिल है।
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दुबई में छिपा है राशिद उत्तर-पूर्वी दिल्ली का गैंगस्टर राशिद केबलवाला दुबई में छिपा है। मोस्ट वांटेड सूची में दीपक पाकस्मा और दानिश के भी नाम हैं। तिहाड़ जेल में सरगना सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया के खात्मे के बाद पाकस्मा ही ताजपुरिया गिरोह की कमान संभाल रहा है। दानिश दिल्ली की जेल में बंद नासिर के नेतृत्व वाले गिरोह का संचालन कर रहा है।
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