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    कौन है बटर चिकन और दाल मखनी का अविष्कारक? दिल्ली के इन दो रेस्तरां में हुई बहस; हाईकोर्ट करेगा फैसला

    Updated: Sat, 20 Jan 2024 08:48 PM (IST)

    देश के सबसे मशहूर खाने के व्यंजनों में शामिल बटर चिकन और दाल मखनी (Butter Chicken Dal Makhani) को लेकर बहस छिड़ गई है। मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी प ...और पढ़ें

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    किसने बनाई बटर चिकन और दाल मखनी की रेसिपी।

    एएनआई, नई दिल्ली। देश के सबसे मशहूर खाने के व्यंजनों में शामिल बटर चिकन और दाल मखनी (Butter Chicken & Dal Makhani) को लेकर बहस छिड़ गई है। मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी पहुंच गया है। यह लड़ाई दिल्ली के दरियागंज रेस्तरां और मोती महल रेस्तरां के बीच चल रही है।

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    मोती महल रेस्तरां (Moti Mahal Restaurant) के मालिक का दावा है कि उनके पूर्वी स्वर्गीय शेफ कुंदन लाल गुजराल को सन 1950 से बटन चिकन और दाल मखनी के अविष्कारक के रूप में जाना जाता है। टैगलाइन "बटर चिकन और दाल मखनी के आविष्कारक" आज भी मोती महल रेस्तरां की ब्रांड पहचान के रूप में कार्य करती है।

    आरोप लगाया कि रेस्तरां मालिकों/प्रतिवादियों ने अपने हमारे व्यवसाय, सद्भावना और प्रतिष्ठा को दुरुयोग कर, आम लोगों के सामने दावा किया उनके स्वर्गीय शेफ कुंदन लाल जग्गी ने बटर चिकन और दाल मखनी व्यंजनों का अविष्कार किया। इसके साथ ही उन्होंने "बटर चिकन और दाल मखनी के आविष्कारक" टैगलाइन का भी प्रयोग किया।

    मोती महल की ओर से पेश वकील संदीप सेठी ने न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ के सामने कहा कि फेमस ट्रेडमार्क "मोती महल" 1920 से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेस्तरां संचालित कर रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि दरियागंज रेस्तरां लोगों को यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि उनके "दरियागंज" रेस्तरां (Daryaganj Restaurant) से दरियागंज स्थित मोती महल से जुड़े हुए हैं।

    आरोप लगाया कि दरियागंज रेस्तरां में कुंदन लाल गुजराल की अपने फेसबुक अकाउंट पर भ्रामक और गलत तरीके से तस्वीर अपलोड की है, जिसमें उन्होंने स्वर्गीय शेफ को कुंदन लाल जग्गी के रूप में दिखाया है।