भारत सुपरपावर नहीं विश्वगुरु बनना चाहता है: सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय इकाई की ओर बोलते हुए कहा कि भारत सुपरपावर नहीं बल्कि विश्वगुरु बनना चाहता है। सुपरपावर से डर लग सकता है लेकिन अपने गुरु से सभी सहज रहते हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वर्तमान में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, आटोमोबाइल उद्योग में चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। निवेश के मामले में भारत ने अमेरिका को पछाड़कर विश्व में पहला पायदान हासिल कर लिया है। भारत सुपरपावर नहीं बल्कि विश्वगुरु बनना चाहता है। सुपरपावर से डर लग सकता है, लेकिन अपने गुरु से सभी सहज रहते हैं। यह बातें राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने कहीं हैं।
वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय इकाई की ओर से विश्वविद्यालय में "भारत की मूल स्थिति को पुनः प्राप्त करना और भारत को तोड़ने वाली ताकतें" विषय पर कराए गए एक जनसंवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
वामपंथ में उदावाद का स्थान नहीं है: सुधांशु त्रिवेदी
छात्रों को संबोधित करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, वामपंथ की विचारधारा में उदारवाद का स्थान नहीं है। वर्तमान में ऐसा कोई साम्यवादी देश नहीं है, जिसमें मस्जिदों पर पाबंदी न हो। जब 2014 में भारत यूनाइटेड नेशन में योग दिवस को लेकर प्रस्ताव लाया था तो उसमें से 170 देश इसके प्रस्तावक बने थे। इनमें से 42 मुस्लिम देश थे।
भारत की ताकत को विश्व मान रहा है: भाजपा नेता
उन्होंने ने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जो यूक्रेन और रूस दोनों से बात कर सकता है। भारत की ताकत को अब पूरा विश्व मान रहा है। भारत विकास परिषद जेएनयू के अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा कि कोविड के बाद से जेएनयू परिसर से गायब हो चुकी मेस टाक संस्कृति को स्थापित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर जेएनयू इकाई के मंत्री विकास पटेल के साथ बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।
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