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    'ये राज की बात मैं नहीं बता सकता, अगर बता दिया तो...', दिल्ली पहुंचे कॉमेडियन सुदेश लहरी का ये बताने से इनकार

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 04:36 PM (IST)

    कॉमेडियन सुदेश लहरी अपने नए शो के प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंचे। उन्होंने बताया कि दिल्ली के लोग कला और कलाकारों का सम्मान करते हैं और दिल से प्यार करते हैं। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों के डर और दिल्ली से जुड़े एक मजेदार किस्से को भी साझा किया जब वे बिना टिकट अमृतसर वापस जाने को मजबूर हो गए थे।

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    अपने शो के प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंचे सुदेश लहरी। फोटो- इंटरनेट

    शालिनी देवरानी, नई दिल्ली। भारतीय स्टैंड-अप काॅमेडियन और अभिनेता सुदेश लहरी ने टेलीविजन काॅमेडी शो, फिल्मों और स्टेज शो से दर्शकों के दिलों में खास पहचान बनाई है। नो प्राॅब्लम, रेडी, जय हो, ग्रेट ग्रैंड मस्ती जैसी बालीवुड फिल्मों के साथ कई पंजाबी फिल्मों में भी दिखाई दिए।

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    इसके अलावा द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज, काॅमेडी सर्कस और द कपिल शर्मा शो के साथ घर-घर में लाफ्टर का तड़का लगाया। हाल ही में कलर्स पर आने वाले शो पति, पत्नी और पंगा -जोड़ियों का रियलिटी चेक के प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे।

    काॅमेडियन बनना आसान नहीं है, लोगों को हंसाना और हर बार नया कंटेंट पेश करना काफी चैलेंजिंग होता है। काॅमेडी के लिए क्या जरूरी है ये राज की बात मैं नहीं बता सकता। अगर मैंने बता दिया तो आप भी काॅमेडियन बन जाएंगे और हमारे पेट पर लात मार दोगे (हंंसते हुए)।

    बतौर काॅमेडियन सफलता की बात करूं तो ये दर्शकों का प्यार है और उनके लिए मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा। दिल्ली में परफार्मेंस की बात करें तो यहां की ऑडियंस से काफी प्यार मिलता है। यहां ऐसे दर्शक हैं जो हर विधा चाहे एक्टिंग हो, कामेडी या फिर साहित्य हमेशा उसकी कद्र करते हैं और सराहते हैं।

    स्टेज पर जाते हुए मैं आज भी उसी तरह नर्वस होता हूं जैसे पहली बार था। मुझे याद है स्टैंड-अप कामेडी की शुरुआत की थी तो मंच पर जाते हुए बहुत डर लगता था। मेरी टांगे कांपती थी और दिल तेज-तेज धड़कता था। आज भी बिल्कुल वही एहसास होता है।

    हां, लेकिन दर्शकों का रिस्पांस और तालियां अब ये डर भगा देती है। जैसे कहा ही जाता है कि दिल्ली दिलवालों की है। यहां के लोग दिल से प्यार करते है, दिल से चाहते है और दिल खोलकर खिलाते हैं यही वजह है मुझे ये शहर काफी पसंद है।

    हालांकि ज्यादातर काम के सिलसिले में ही दिल्ली आना होता है, तो कभी यहां ज्यादा घूमना-फिरना नहीं हुआ। मेरी इच्छा दिल्ली के कनाट प्लेस, लोधी गार्डन, पुरानी दिल्ली जैसी जगहों पर घूमने की है। कभी समय निकालकर फुर्सत से आऊंगा और दिल्ली में घूमना-फिरना और खाना-पीना होगा।

    आज इंटरनेट मीडिया के दौर में नए कलाकारों को भी मंच मिल रहा है और एक्टिंग से लेकर काॅमेडी तक देखने को मिलती है। हर किसी के दौर में कुछ अलग होता है, युवाओं ने हम पुराने कलाकारों से कुछ सीखा होगा और हम उनसे काफी कुछ सीखते हैं।

    लोग मुझसे अक्सर पूछते हैं कि कामेडियन हमेशा खुश ही रहते होंगे। मगर ऐसा नहीं है कि काॅमेडियन भी कभी-कभी दुखी हो जाते है। हर किसी का अपना अपना काम है और व्यक्तिगत तौर पर अपना व्यवहार है।

    अभी मैं आने वाले शो के लिए दिल्ली आया हूं और काफी इंज्वाय कर रहा हूं। जल्द ही दर्शक मुझे जल्द ही लाफ्टर शेफ में देखेंगे। दिल्ली का एक किस्सा मैं भुलाए नहीं भूलता। एक बार काम के सिलसिले में दिल्ली आना हुआ था और मैं वापस घर जा रहा था।

    अंबाला स्टेशन पर गाड़ी रुकी और मैं पानी पीने के लिए ट्रेन से उतरा और ट्रेन छूट गई। इसके बाद मैं बिना टिकट ही अमृतसर वापस गया क्योंकि मेरे पास दोबारा टिकट खरीदने के पैसे तक नहीं थे। हम लोग उस दौर से आगे बढ़े हैं और वो पुराने किस्से आज भी गुदगुदाते हैं।

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