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    सुब्रमण्यम स्वामी को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका, छह सप्ताह में खाली करना होगा सरकारी आवास

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Wed, 14 Sep 2022 02:11 PM (IST)

    Subramanian Swamy दिल्ली हाई कोर्ट ने राज्यसभा की पूर्व सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी को झटका देते हुए कहा कि वह छह सप्ताह के भीतर दिल्ली स्थित अपना बंगला ...और पढ़ें

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    सुब्रमण्यम स्वामी को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका, छह सप्ताह में खाली करना होगा सरकारी आवास

    नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]।  Subramanian Swamy News: भारतीय राजनीति के दिग्गज राजनेताओं में शुमार सुब्रमण्यम स्वामी ( Former Rajya Sabha member Subramanian Swamy) को दिल्ली हाई कोर्ट से बुधवार को बड़ा झटका लगा है। उन्हें दिल्ली स्थित सरकारी आवास छह सप्ताह के भीतर खाली करना होगा। यह आदेश दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से जारी किया गया है। 

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    जागरण संवाददाता के मुताबिक, पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके सरकारी बंगले का कब्जा छह सप्ताह की अवधि के भीतर संपत्ति अधिकारी को सौंप दिया जाए।

    अप्रैल, 2022 में समाप्त हो गई थी आवंटन की तारीख

    गौरतलब है कि राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2022 में समाप्त होने पर सुब्रमण्यम स्वामी ने सुरक्षा के खतरे को देखते हुए बंगले के दोबारा आवंटन की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।

    वहीं, केंद्र सरकार ने स्वामी की याचिका का विरोध करते हुए यह तर्क दिया है कि बंगले में अन्य मंत्रियों और सांसदों को आवंटित करने की आवश्यकता है। ऐसे में उन्हें बंगला खाली कर देना चाहिए।

    अधिकारी को सौंपें कब्जा संपत्ति

    दिल्ली हाई कोर्ट ने भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी को छह सप्ताह के भीतर सरकारी बंगले का कब्जा संपत्ति अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया है। बता दें कि स्वामी को उनकी जान को खतरा होने की धारणा के चलते जनवरी 2016 में केंद्र सरकार की ओर से 5 साल के लिए दिल्ली में एक बंगला अलॉट किया गया था।

    वहीं, अप्रैल 2022 में राज्यसभा का  कार्यकाल पूरा होने पर उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट से सुरक्षा का हवाला देते हुए बंगले के दोबारा अलॉटमेंट की मांग की थी, लेकिन अब इसे छह सप्ताह के भीतर खाली करना होगा। बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी देश के दिग्गज राजनेताओं में शुमार हैं। वह कांग्रेस के मुखर आलोचकों में रहे हैं।