इंजीनियरिंग और मेडिकल के छात्रों के लिए जरूरी खबर, ऐसा करते मिले तो CBSE बोर्ड परीक्षा से होंगे वंचित
अधिकारी ने कहा कि अगर ऐसे छात्रों को सीबीएसई अनुमति नहीं देता है तो वे परीक्षा के लिए एनआइओएस के पास जा सकते हैं। बोर्ड इस प्रस्ताव को एनआइओस के पास भी ले जा सकता है और अगले सत्र के लिए दिशानिर्देश जारी कर सकता है। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश में राज्यों के विशेष कोटा का फायदा उठाने के लिए छात्र डमी स्कूल चुनते हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले ऐसे छात्र जो हाजिरी से बचने के लिए डमी स्कूलों में प्रवेश ले लेते हैं, उन्हें बोर्ड परीक्षा में शामिल होने से रोका जा सकता है। सीबीएसई ने साफ कहा है कि डमी स्कूलों में प्रवेश लेने की पूरी जिम्मेदारी अभिभावकों-छात्रों की है। डमी स्कूलों पर लगाम लगाने की कड़ी में सीबीएसई परीक्षा से जुड़े उपनियमों में संशोधन का विचार कर रही है ताकि ऐसे स्कूलों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को परीक्षा देने से रोका जा सके।
इन छात्रों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) परीक्षा देनी होगी। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "बोर्ड द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के दौरान अगर छात्र स्कूलों में गैरहाजिर मिले या पता चला कि वे नहीं आते हैं, तो ऐसे छात्रों को बोर्ड परीक्षा में शामिल होने से रोका जा सकते है।"
परीक्षा उपनियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी: CBSE
उन्होंने कहा, "डमी संस्कृति को बढ़ावा देने वाले या छात्रों की गैर-हाजिरी को प्रायोजित करने वाले स्कूलों के खिलाफ बोर्ड की संबद्धता और परीक्षा उपनियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। इस मुद्दे को सीबीएसई की गवर्निंग बोर्ड बैठक में भी उठाया गया, जहां इस फैसले को अकादमिक सत्र 2025-26 से लागू करने की सिफारिश की गई। जबकि परीक्षा समिति में इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि न्यूनतम अनिवार्य 75 प्रतिशत हाजिरी ना होने पर बोर्ड परीक्षा में नहीं दे सकेंगे। केवल स्कूल में नामांकन से बोर्ड परीक्षा में शामिल होना सुनिश्चित नहीं हो जाता।"
विशेष कोटा का फायदा उठाने के लिए छात्र डमी स्कूल चुनते हैं
अधिकारी ने कहा कि अगर ऐसे छात्रों को सीबीएसई अनुमति नहीं देता है तो वे परीक्षा के लिए एनआइओएस के पास जा सकते हैं। बोर्ड इस प्रस्ताव को एनआइओस के पास भी ले जा सकता है और अगले सत्र के लिए दिशानिर्देश जारी कर सकता है। गौरतलब है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश में राज्यों के विशेष कोटा का फायदा उठाने के लिए छात्र डमी स्कूल चुनते हैं। जैसे दिल्ली से 12वीं करने वाले छात्र दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों में राज्य कोटा के हकदार हो जाते हैं, जिससे कई अन्य राज्यों के छात्र भी राजधानी के डमी स्कूलों में प्रवेश को वरीयता देते हैं।

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