यूपी के प्रशांत कुमार बने जेएनयू NSUI के अध्यक्ष, 2019 में लड़ा था छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव
प्रशांत कुमार कहते हैं कि छात्रों की समस्याओं का समाधान उनकी प्राथमिकता है। प्रशांत की राह आसान नहीं है। दिल्ली विश्वविद्यालय में एनएसयूआइ का संगठन मजबूत एवं सक्रिय है। लेकिन जवाहर लाल नेहरू में प्रशांत को नए सिरे से संगठन खड़ा करना पड़ेगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रशांत कुमार को नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआइ) का अध्यक्ष बनाया गया है। मूलरूप से उत्तर प्रदेश, कानपुर के घाटमपुर के रहने वाले प्रशांत कुमार जेएनयू से पीएचडी कर रहे हैं। प्रशांत ने 2019 में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था। एनएसयूआइ को जीत तो नहीं मिली लेकिन प्रशांत के नाम एक अनोखा रिकार्ड जरूर दर्ज हो गया। प्रशांत को एनएसयूआइ के अब तक के किसी भी प्रत्याशी के मुकाबले सर्वाधिक मत मिले थे। उन्हे चुनाव में 771 वोट मिले थे। इसके पहले 2017 एवं 2018 में जेएनयू छात्रसंघ चुनावों में एनएसयूआइ अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों को 82 एवं 405 वोट ही मिले थे।
2019 में एनएसयूआइ जेएनयू इकाई के अध्यक्ष विकास यादव थे। जिन्हें बाद में राजस्थान युवा कांग्रेस की कमान सौंपी गई। तब से एनएसयूआइ का अध्यक्ष पद खाली था।
छात्रों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकताः प्रशांत कुमार
जेएनयू एनएसयूआइ अध्यक्ष की कमान मिलने के बाद प्रशांत कुमार ने कहा कि छात्रों की समस्याओं का समाधान उनकी प्राथमिकता है। वे कोशिश करेंगे की छात्रों की सभी समस्याओं का निदान हो। बताया जा रहा है कि प्रशांत कुमार बेशक जेएनयू एनएसयूआइ के अध्यक्ष बनाए गए हों लेकिन उनकी राह सान नहीं है। दिल्ली विश्वविद्यालय में एनएसयूआइ का संगठन मजबूत एवं सक्रिय है। लेकिन जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में प्रशांत को नए सिरे से संगठन खड़ा करना पड़ेगा। जेएनयू में इस समय लेफ्ट पार्टियों की छात्र विंग का दबदबा है। वर्तमान समय में जेएनयू की छात्र संघ अध्यक्ष आइषी घोष हैं जो स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) की सदस्य हैं।
कांग्रेस की छात्र इकाई है NSUI
बता दें कि नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफ इंडिया (National students union of India) यानी NSUI कांग्रेस की छात्र विंग है। इसकी स्थापना अप्रैल 1971 में की गई थी। कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI विश्वविद्यालयों में छात्र संघ का चुनाव लड़ती है।