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Delhi Police की स्पेशल सेल एम्स में हुए साइबर हमले की करेगी जांच, हैकर्स पर कसेगा शिकंजा

दिल्ली पुलिस के एक स्पेशल सेल ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में मैलवेयर अटैक की जांच शुरू की है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सेंट्रल फॉरेंसिक लैब की एक टीम मैलवेयर हमले के सोर्स का पता लगाने में जुटी है।

By AgencyEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Thu, 01 Dec 2022 04:33 PM (IST)Updated: Thu, 01 Dec 2022 04:33 PM (IST)
Delhi Police की स्पेशल सेल एम्स में हुए साइबर हमले की करेगी जांच, हैकर्स पर कसेगा शिकंजा
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल एम्स में हुए साइबर हमले की करेगी जांच, फाइल फोटो

नई दिल्ली, एजेंसी: दिल्ली पुलिस के एक स्पेशल सेल ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में मैलवेयर अटैक की जांच शुरू की है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सेंट्रल फॉरेंसिक लैब (Central Forensic Science Laboratory) की एक टीम मैलवेयर हमले के सोर्स का पता लगाने में जुटी है। CFSL दिल्ली और अहमदाबाद की एक ज्वाइंट टीम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या हमला देश के बाहर से शुरू किया गया था?

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IFSO भी करेगा मामले की जांच 

जानकारी के अनुसार इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (IFSO) भी इस मामले की जांच करेगी। हैकिंग कहां से की जा रही है, इस बारे में अभी पता नहीं चल पाया है। जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय और आईटी मंत्रालय की कई टीम इस मैलवेयर हमले में प्रभावित सर्वरों को सुधारने का प्रयास कर रही है। दिल्ली का सर्वर कैसे हैक हुआ इस बात का पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है। वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम भी इसको लेकर दिल्ली एम्स पहुंच गई है।

23 नवंबर से एम्स का सर्वर बंद  

मालूम हो कि दिल्ली एम्स ने 23 नवंबर को अपने सर्वर में खराबी की सूचना दी थी, तब से ही दिल्ली एम्स का सर्वर बंद पड़ा है। इन सर्वर पर कार्य कर रहे दो एनालिस्ट को भी सस्पेंड कर दिया गया है। दिल्ली एम्स के अधिकारियों ने पिछले मंगलवार को जारी एक बयान में दावा किया कि ई-अस्पताल का डाटा रिस्टोर कर लिया गया है। यह भी कहा कि इन डाटा को रिस्टोर करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल का डाटा ज्यादा होने के कारण उसे रिस्टोर करने में समय लग रहा है।

सभी सुविधाएं मैनुअल मोड पर चल रही हैं 

एम्स ने अपने जारी बयान में कहा है कि सभी अस्पताल सेवाएं, जिनमें आउट पेशेंट, इन-पेशेंट, प्रयोगशालाएं आदि शामिल हैं, वह सब मैनुअल मोड पर चलती हैं। जांच एजेंसी ने प्रस्तावित किया है कि स्वास्थ्य सुविधा में इंटरनेट सेवाएं भी ब्लाक रहती हैं, इसलिए एम्स ने ई-अस्पताल के डाउन होने तक मैन्युअल रूप से किए जाने वाले मरीजों को भर्ती, डिस्चार्ज और स्थानांतरण के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का एक नया सेट भी जारी किया है।

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