दिल्ली में बड़ी संख्या में खपाए जा रहे थे नकली नोट, अमरोहा में छपाई फैक्ट्री का भंडाफोड़; दो तस्कर गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अमरोहा में नकली नोट छापने वाली एक फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने अदनान और दानिश नामक दो तस्करों को गिरफ्तार किया है जो दिल्ली में इन जाली नोटों को खपाने की कोशिश कर रहे थे। उनके कब्जे से 44500 रुपये के नकली नोट और प्रिंटिंग सामग्री बरामद हुई है। आरोपित पिछले कुछ महीनों से यह धंधा कर रहे थे।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : यूपी के अमरोहा में जाली नोटों की छपाई करने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर स्पेशल सेल की टीम ने दो इन नोटों को दिल्ली में खपाने वाले दो तस्करों को गिरफ्तार किया है।
उनके कब्जे से 44,500 मूल्य के जाली नोट बरामद किए गए हैं। इसके अलावा रंगीन प्रिंटर, पेपर शीट, पेपर कटर और करेंसी नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले हरे रंग के टेप बरामद किए हैं।
गिरफ्तार अरोपितों की पहचान अमरोहा के अदनान और दानिश के रूप में हुई है। पुलिस इनसे पूछताछ कर गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी है।
उपायुक्त अमित कौशिक के मुताबिक, टीम को सूचना मिली थी कि दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 100 रुपये के जाली नोट प्रचलन में हैं।
टीम ने सूचना पर जांच शुरू की, जिसमें पता चला कि अमरोहा के कुछ व्यक्ति जाली नोटों को छापकर दिल्ली में खपा रहे हैं।
इस दौरान सूचना मिली कि 20 जून को अदनान दिल्ली के दल्लूपुरा इलाके में ग्राहक को जाली नोटों की खेप देने आने वाला है। टीम ने जाल बिछाते हुए उसे पकड़ लिया गया।
उसके कब्जे से 100 रुपये के 300 जाली नोट बरामद हुए। पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने सहयोगी मोहल्ला जलीलाबाद, अमरोहा के दानिश के साथ मिलकर रंगीन प्रिंटर की मदद से इन जाली नोटों को प्रिंट करता था।
टीम तुरंत अमरोहा भेजी गई और दानिश के घर से 14,500 मूल्य के जाली नोट बरामद किए गए, जिनमें 200 के दो और 100 141 नोट शामिल थे।
घर से कुछ अधूरे छपे हुए नोट भी बरामद किए गए हैं। दानिश के घर से एक रंगीन प्रिंटर, पेपर शीट, पेपर कटर, करेंसी नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले हरे रंग के टेप भी बरामद किए गए हैं।
पूछताछ के दौरान आरोपित अदनान ने बताया कि वह 12वीं तक पढ़ा है और सैंपल कलेक्शन बाय के तौर पर पैथोलाजिकल लैब में काम करता था।
कुछ समय पहले उसकी पहचान एक व्यक्ति से हुई जिसने उसे नकली नोट छापने की बुनियादी तकनीक सिखाई।
इसके बाद उसने अपने पुराने दोस्त दानिश के साथ मिलकर नकली नोट छापना शुरू कर दिया। दानिश इससे पहले अमरोहा की एक फैक्ट्री में श्रमिक के तौर पर काम करता था।
आरोपित छोटे नोटों में नकली नोट छापते थे, क्योंकि उनकी जांच कम होती थी और बाजार में आसानी से बिक जाते थे। आरोपी पिछले 4-5 महीने से नकली नोट छाप रहे थे।
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