महाशिवरात्रि पर दक्षिण एशियाई यूनिवर्सिटी में नॉन-वेज खाना परोसने को लेकर हुई झड़प, बांग्लादेशी छात्र निष्कासित
महाशिवरात्रि पर मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच झड़प हुई। विश्वविद्यालय ने एक बांग्लादेशी डॉक्टरेट छात्र को निष्कासित कर दिया है और मेस सचिव पर जुर्माना लगाया है। जांच के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कार्रवाई की। एसएफआई और एबीवीपी ने एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। एबीवीपी का कहना है कि उपवास के दिन मांसाहारी भोजन परोसना असंवेदनशील था।

पीटीआई, नई दिल्ली। महाशिवरात्रि पर नॉन-वेज भोजन परोसने को लेकर हुई झड़प में दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (एसएयू) के एक बांग्लादेशी डॉक्टरेट छात्र को निष्कासित कर दिया गया है। इसके साथ ही, छात्रों के मेस सचिव पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विश्वविद्यालय की प्रॉक्टोरियल समिति द्वारा की गई जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है।
महाशिवरात्रि पर मेस में नॉन-वेज भोजन परोसे जाने को लेकर 26 फरवरी को दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय में छात्रों के दो समूहों के बीच कथित तौर पर झड़प हो गई थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "विस्तृत प्रॉक्टोरियल जांच के बाद, विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट छात्र सुदीप्तो दास को अनुशासनहीनता के कई मामलों का दोषी पाया है। विश्वविद्यालय ने उन्हें तत्काल निष्कासित करने का आदेश दिया है। उन्हें एसएयू में भविष्य में किसी भी कार्यक्रम में आवेदन करने से स्थायी रूप से अयोग्य घोषित कर दिया है। उन्हें 24 घंटे के भीतर छात्रावास परिसर खाली करने का निर्देश दिया है।"
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पूर्व के नोटिस का भी हवाला दिया
नोटिस में, प्रशासन ने 2022 में इसी तरह की गतिविधियों के लिए जारी किए गए पूर्व निलंबन का भी हवाला दिया है। इसके अतिरिक्त, मेस सचिव यशदा सावंत पर भोजनालय में व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दोनों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं थी।
एबीवीपी और एसएफआई ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। एसएफआई ने एबीवीपी सदस्यों पर अपनी भोजन संबंधी पसंद दूसरों पर थोपने का प्रयास करने का आरोप लगाया और इस घटना को धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर हमला बताया। एबीवीपी ने कहा कि उपवास के दिन नॉन-वेज भोजन परोसना असंवेदनशील था और इससे धार्मिक सद्भाव बाधित हुआ।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।