'जो होता है, अच्छे के लिए होता है'... राजघाट में बोले वांगचुक- केंद्र सरकार ने मांगों को लेकर दिया आश्वासन
लद्दाख से दिल्ली तक पदयात्रा कर रहे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिरासत में ले लिया गया। वे लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और अनुसूची छह के तहत संवैधानिक संरक्षण प्रदान करने की मांग कर रहे हैं। वांगचुक ने कहा कि उन्हें गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि आने वाले दिनों में उनकी प्रधानमंत्री राष्ट्रपति या गृह मंत्री से मुलाकात होगी।
जेएनएन, नई दिल्ली। अपनी मांगों को लेकर लद्दाख से दिल्ली आए सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) बुधवार को महात्मा गांधी की जयंती पर श्रद्धांजलि देने राजघाट पहुंचे। इस दौरान उनके समर्थकों और प्रशंसकों की भीड़ दिखाई दी।
पुलिस बल ने पहले उनके समर्थकों को बारी-बारी से महात्मा गांधी के दर्शन करने का अवसर दिया। इसके बाद देरी से पहुंचे वांगचुक ने महात्मा गांधी के दर्शन किए। इस दौरान लद्दाख के लोगों ने केंद्र सरकार से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए भी नजर आए।
'जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है'
इसी बीच मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए सोनम वांगचुक ने कहा कि 150 से अधिक पदयात्री लेह से दिल्ली पहुंचे हैं। जब हम दिल्ली पहुंचे तो हिरासत में लेने के कारण हमें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन, जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है और हमें खुशी है कि पर्यावरण संरक्षण का हमारा संदेश अधिक लोगों तक पहुंचा।
सरकार को इन मांगों का दिया ज्ञापन
उन्होंने कहा कि हमने सरकार को एक ज्ञापन दिया है कि लद्दाख को संवैधानिक प्रावधानों के तहत संरक्षित किया जाए, जिससे हिमालय की रक्षा कर सके। लद्दाख के मामले में भारतीय संविधान की अनुसूची छह है जो आदिवासी और स्थानीय लोगों की रक्षा करती है और लद्दाख के प्रबंधन और शासन को अधिकार देती है।
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गृह मंत्रालय से मिला आश्वासन
वांगचुक ने कहा कि मुझे गृह मंत्रालय ने यह आश्वासन दिया है कि आने वाले दिनों में मैं प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति या गृह मंत्री से मिलूंगा। मैंने राज्य का दर्जा और अनुसूची छह के माध्यम से लोकतंत्र की बहाली की मांग की है।