स्मॉग से बचने के लिए खुद रहें जागरूक, वर्ना लगाने पड़ सकते हैं डॉक्टरों के चक्कर
पंजाब और हरियाणा खेतों में पराली जलाने की घटनाएं और दीपावली के प्रदूषण ने इसे गहरा कर दिया है। रही सही कसर एनसीआर में निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों ने पूरा कर दिया है।
नई दिल्ली [अरविंद द्विवेदी]। एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में स्मॉग छाया हुआ है। कहीं कम तो कहीं ज्यादा, लेकिन आने वाले कुछ दिनों के दौरान इस मौसमी विकृति की मौजूदगी बरकरार रहने वाली है। पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खेतों में पराली जलाने की घटनाएं और दीपावली के प्रदूषण ने इसे गहरा कर दिया है। रही सही कसर एनसीआर में निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों ने पूरा कर दिया है। स्मॉग के कारण आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत, अस्थमा, एलर्जी के लक्षण पैदा हो रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार स्मॉग की वजह से दर्जनों बीमारियां हो सकती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें हो रही है जिन्हें पहले से ही सांस या हृदय संबंधी बीमारी है। ये तो तात्कालिक दुष्प्रभाव हैं, इसके दीर्घाकालीन परिणामों का भगवान ही मालिक। ऐसे में जरा सी सतर्कता से हम सभी स्मॉग के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर को कम कर सकते हैं। पेश हैं विशेषज्ञ डॉक्टरों के सुझाव व टिप्स:
डॉ. नरेश कुमार ने दिया ये सुझाव
- खुले में निकलने से बचें।
- स्मॉग से बचने के लिए वयस्कों को प्राणायाम करना चाहिए।
- अपने घर के आसपास अधिक से अधिक नीम व पीपल के पौधे लगाएं।
- भ्रामरी, भस्तिका, अनुलोम-विलोम के साथ ही अन्य ब्रीदिंग एक्सरसाइज जरूर करें।
- स्मॉग छाया रहने की स्थिति में आजकल मॉर्निंग वॉक या इवनिंग वॉक के लिए बाहर न निकलें। घर में ही एक्सरसाइज कर लें।
विभागाध्यक्ष, फिजियोथेरेपी, श्री अग्रसेन इंटनेशनल हॉस्पिटल
डॉ. अमित रंजन ने दिया ये सुझाव
- अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो डॉक्टर की सलाह लें।
- सुबह सूरज की किरणों के साथ स्मॉग और भी खतरनाक हो जाता है। हो सके तो घर के अंदर ही व्यायाम करें।
- आजकल बाजार में घर की हवा को शुद्ध रखने के लिए एयर प्यूरीफायर भी आ गए हैं। आप चाहें तो इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर, फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबलिटेशन विभाग, सफदरजंग अस्पताल
डॉ. विजय दत्ता ने दिया ये सुझाव
- बच्चे बीमारी का शिकार जल्दी होते हैं इसलिए उन्हें धूमपान करने वालों से दूर रखें।
- बच्चों में अगर एलर्जी, आंखों में जलन आदि की शिकायत हो तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
- बच्चों को बैक्टीरियल व वायरल निमोनिया से बचाने के लिए टीके अवश्य लगवाएं। बिना टीके के संक्रमण की आशंका अधिक होती है।
कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन एंड रेस्पिरेटरी डिजीजेज, स्पाइनल इंजरी सेंटर
डॉ. प्रियंका यादव ने दिया ये सुझाव
- तली-भुनी चीजें न खाएं।
- घर से बाहर अति आवश्यक होने पर ही निकलें।
- बाहर से आने के बाद मुंह-हाथ गर्म पानी से धोएं।
- किसी भी तरह के सौंदर्य प्रसाधन के प्रयोग से बचें।
- धूमपान न करें। धूम्रपान करने वाले लोगों से भी दूर रहें।
- मुंह पर एन-95 मास्क पहनें या फिर कोई सूती कपड़ा लपेटकर ही बाहर निकलें।
- स्मॉग के दौरान मेट्रो व सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करें ताकि प्रदूषण कम करने में आप कुछ सहयोग कर सकें।
कम्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ
डॉ. अभिषेक शंकर ने दिया ये सुझाव
- घर में साफ-सफाई रखें, धूल आदि न आने दें।
- घरों के आसपास के पेड़-पौधों पर पानी का छिड़काव करें।
- स्मॉग के दौरान घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- सीट्रिक एसिड के स्नोत फल जैसे संतरा, मौसमी, अनार आदि का सेवन करें।
पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर एवं इंचार्ज, प्रिवेंटिव आंकोलॉजी इन कैंसर सेंटर, एम्स