दिल्ली में छह मौतों से हड़कंप: परिवार के चार लोगों की गई जान, दूसरी घटना में दो लोगों की मौत; वजह बनी ये चीज
राजधानी दिल्ली के दो अलग-अलग क्षेत्रों में दम घुटने से छह की मौत हो गई। खेड़ा कलां गांव में पति-पत्नी समेत दो बच्चों की मौत हो गई। वहीं इंद्रपुरी थाना इलाके में एक घर में बने कमरे के अंदर सो रहे कार चालक व घरेलू सहायक की मौत अंगीठी के धुएं के चलते हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया है।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। राजधानी दिल्ली के दो अलग-अलग क्षेत्रों में दम घुटने से छह की मौत हो गई। खेड़ा कलां गांव में पति-पत्नी समेत दो बच्चों की मौत हो गई। वहीं, इंद्रपुरी थाना इलाके में एक घर में बने कमरे के अंदर सो रहे कार चालक व घरेलू सहायक की मौत अंगीठी के धुएं के चलते हो गई। इन दोनों मामले भी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया है।
पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के आलाधिकारियों का कहना है कि इन दोनों मामले में कई लोगों से पूछताछ की गई है, शुरुआती जांच में अंगीठी के धुएं से दम घुटने से मौत हुई है। पुलिस अन्य पहलुओं से भी जांच कर रही है।
पहली घटना
अलीपुर थाना क्षेत्र स्थित खेड़ा कलां में रहने वाले मृतक राकेश के मौसेरे भाई निरंजन सिंह ने बताया कि राकेश(40) उर्फ दीनानाथ पत्नी ललिता(38), आठ वर्षीय पीयूष और सात वर्षीय सन्नी यहां एक किराये के मकान में रहते थे। राकेश पानी का टैंकर चलाते थे। पौधों में पानी देने के लिए रविवार की सुबह राकेश को पानी का टैंकर लेकर कहीं जाना था।
फोन पर नहीं मिला कोई जवाब
समय पर न पहुंचने के कारण टैंकर मालिक ने राकेश के मोबाइल पर फोन किया। बार-बार फोन करने के बाद भी राकेश की ओर से कोई जवाब नहीं मिला, तो टैंकर मालिक ने किसी को राकेश के कमरे पर जाकर उसे बुलाने के लिए कहा। गेट पीटने पर भी अंदर से कोई जवाब नहीं मिला, लोगों ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी।
चार लोग मिले बेहोश
बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार ने बताया कि 14 जनवरी की सुबह करीब सात बजे पीसीआर कॉल प्राप्त हुई कि खेड़ा कलां में एक व्यक्ति बेहोश पड़ा है। सूचना मिलते ही पीसीआर वैन समेत अलीपुर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। कमरा अंदर से बंद था। खिड़की का शीशा तोड़कर दरवाजा खोला गया। पता चला कि कमरे के अंदर चार लोग बेहोश थे।
अंगीठी कमरे के अंदर जल रही थी। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि प्रथम दृष्टया में ऐसा लग रहा है कि चारों की मौत दम घुटने से हुई है। क्राइम टीम और एफएसएल टीम की ओर से कमरे का निरीक्षण किया गया है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जहांगीरपुरी स्थित बाबू जगजीवन राम अस्पताल में रखवा दिया गया है। इस मामले में 174 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
लोहड़ी मनाकर सोए थे
दूसरी घटना इंद्रपुरी थाना क्षेत्र का है। यहां एक कमरे में अंगीठी जलाकर सोए एक कार चालक व घरेलू सहायक की दम घुटने से मौत हो गई। शनिवार रात को वह लोहड़ी मनाकर सोए थे। मृतकों की पहचान नेपाल के लुंबनी के राम बहादुर उर्फ सोम बहादुर व अभिषेक के रूप में हुई। राम बहादुर यहां पर कार चलाने का काम करते थे।
अभिषेक घरेलू नौकर के रूप में काम करते थे। पुलिस ने दोनों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल में भिजवा दिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंद्रपुरी थाना पुलिस को रविवार सुबह जानकारी मिली कि एक कमरे में रहने वाले दो लोग दरवाजा नहीं खोल रहे हैं। उन्होंने रात को अंगीठी जलाई थी। पुलिसकर्मी मकान की तीसरी मंजिल पर पहुंचे।
उन्होंने कमरे का दरवाजा तोड़ा, तो दोनों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने क्राइम व फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया। इसके बाद शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए। दोनों संजय शर्मा के लिए काम करते थे।
ये सावधानी बरतें
- घर में वेंटिलेशन हो तभी अलाव, हीटर या ब्लोअर चलाएं।
- अलाव जलाकर उसके पास न सोएं।
- घर में अगर कोई बच्चा है, तो आग न जलाना ज्यादा बेहतर है।
- कमरे में अगर ज्यादा लोग सो रहे हैं तो आक्सीजन का स्तर तेजी से कम होता है।
- अंगीठी पर कोई खाना बनाना है तो सोने से पहले उसे ठीक से बुझा देना चाहिए।
- सांस व किडनी के मरीज अंगीठी का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
- इसी साल 10 जनवरी को द्वारका सेक्टर-19 में अंगीठी जलाकर सोए दंपती की मौत हो गई थी।
- एक वर्ष पूर्व दिसंबर में कापसहेड़ा थाना क्षेत्र के समालखा में अंगीठी जलाकर सोने से दंपति की मौत हो गई थी।
- चार वर्ष पूर्व दिल्ली कैंट थाना क्षेत्र में शादी समारोह में कैटरिंग सर्विस देने आए छह लोगों की मौत दम घुटने से हुई थी। यह सभी जिस कंटेनर में सो रहे थे, तंदूर को भी उसी कंटेनर में रख दिया था।
बंद कमरे में अलाव, अंगीठी जलाकर सोने से कार्बनडाईऑक्साइड, कार्बनमोनोऑक्साइड के साथ-साथ अन्य जहरीली गैस व कुछ जहरीले कैमिकल्स बनने लगते हैं। जिससे कमरे में आक्सीजन की कमी हो जाती है। ब्लड में आक्सीजन की मात्रा कम होते ही दम घुटने से इंसान की मौत हो जाती है। जहां वेंटिलेशन न हो, वहां अंगीठी बिल्कुल भी नहीं जलानी चाहिए। खासकर सांस व किडनी के मरीजों को इससे दूर ही रहना चाहिए। -डॉ. एस.के अरोड़ा, सीनियर चेस्ट फिजिशियन, संजय गांधी अस्पताल, मंगोलपुरी
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