Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bhupinder Singh: 'नाम गुम जाएगा' से लेकर 'होंठों पे ऐसी बात', इन 10 यादगार गानों के लोग आज भी हैं दीवाने

    By Abhishek TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 19 Jul 2022 02:53 PM (IST)

    Bhupinder Singh Songs नाम गुम जाएगा... बीती न बिताई रैना... करोगे याद तो हर बात याद आएगी... जैसे कई फेमस गानों को आवाज देने वाले मशहूर गायक भूपिंदर सिंह दुनिया को अलविदा कह गए। उनके कई ऐसे पुराने गाने हैं जो आज भी लोगों की जुबान पर रहते हैं।

    Hero Image
    Bhupinder Singh: 'नाम गुम जाएगा' से लेकर 'होंठों पे ऐसी बात', इन 10 गानों के लोग आज भी हैं दीवाने

    नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। बॉलीवुड के कई फेमस गानों को अपनी सुरीली आवाज में पिरोने वाले मशहूर गायल भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh) ने सोमवार 18 जुलाई को अंतिम सास ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और पिछले 9 दिनों से मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'दिल ढूंढता है', 'सत्ते पे सत्ता', 'नाम गुम जाएगा' जैसे सदाबहार गानों के जरिए भूपिंदर सिंह ने अपनी पहचान भारत के मशहूर संगीतकार और मुख्य रूप से एक गजल गायक के तौर पर स्थापित की। महान गायक के निधन की खबर से मनोरंजन जगत को शोक की लहर है। आइए इस दुखद मौके पर आज हम आपको उनके प्रसिद्ध गानों के बारे में बताते हैं।

    1. नाम गुम जाएगा

    फिल्म 'किनारा' का गाना 'नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा' आज भी लाखों लोगों के पसंदीदा गीतों में से एक है। इस गीत को भूपिंदर सिंह के साथ-साथ लता मंगेशकर ने अपनी आवाज देकर अमर बना दिया। गीत के बोल गुलजार साहब ने लिखे हैं तो वहीं आर डी बर्मन ने संगीत दिया है। फिल्म में जितेंद्र, हेमा मालिनी, धर्मेंद्र और दीना पाठक ने मुख्य किरदार निभाया था।

    2. होंठों पे ऐसी बात

    साल 1967 में देव आनंद और वैजयंती माला अभिनीत फिल्म 'जुअल थीफ' में स्वर कोकिला लता दीदी और भूपिंदर सिंह ने इस गाने में अपनी आवाज से ऐसी जान फूंकी कि यह गाना अपने जमाने का सबसे लोकप्रिय गीत बन गया।

    3. थोड़ी सी जमीं, थोड़ा आसमां

    भूपिंदर सिंह, लता मंगेशकर, आर जी बर्मन और गुलजार ने मिलकर कई सदाबहार गीतों की रचना की। इस लिस्ट में 1980 में आई फिल्म 'सितारा' का गाना 'थोड़ी सी जमीं, थोड़ा आसमां' भी एक है।

    4. करोगे याद तो, हर बात याद आएगी

    फिल्म 'बाजार' के इस गीत को भूपिंदर सिंह के सबसे लोकप्रिय गीतों में एक माना जाता है। इस गाने के बोल बशर नवाज ने लिखे है। वहीं, संगीतकार के तौर पर मोहम्मद जहूर खय्याम ने इस गाने में योगदान दिया है।

    5. हुजूर इस कदर भी न इतरा के चलिए

    संगीतकार आर डी बर्मन और गीतकार गुलजार की उम्दा जोड़ी ने मिलकर फिल्म 'मासूम' के इस गीत को बनाया। शबाना आजमी और नसीरुद्दीन शाह अभिनीत इस गाने को भूपिंदर सिंह ने अपनी आवाज देकर जीवंत कर दिया।

    6. दो दीवाने शहर में

    साल 1977 में रिलीज हुई फिल्म 'घरौंदा' प्यार में पड़े एक जोड़े पर आधारित है। इस फिल्म का यह गाना बेहद रोमांटिक मिजाज का है। मशहूर गायक भूपिंदर सिंह के साथ इस गाने में रूना लैला ने अपनी मधुर आवाज दी है।

    7. दिल ढूंढता है

    दिवंगत गायक भूपिंदर सिंह के चर्चित गानों में फिल्म 'मौसम' का गाना 'दिल ढूंढता है' भी एक है। अभिनेता संजीव कुमार और अभिनेत्री शर्मिला टैगोर अभिनीत इस फिल्म के गाने के गीतकार गुलजार है।

    8. मेरा रंग दे बसंती चोला

    गायन के लंबे करियर में भूपिंदर सिंह ने सभी तरह के गानों में अपनी आवाज दी। ऐसे ही गानों में एक है बहुचर्चित देशभक्ति गीत 'मेरा रंग दे बसंती चोला'। यह गाना 1931 में रिलीज हुई फिल्म 'शहीद' का था, जो साल 2002 को रिलीज हुआ। रिलीज होने के 20 साल बाद भी यह गीत देश के सभी लोगों में राष्ट्रप्रेम की भावना को जगाता है।

    9. बीती न बिताई रैना

    साल 1972 में रिलीज हुई हिंदी फिल्म 'परिचय' का गाना 'बीती न बिताई रैना' गाने में भूपिंदर सिंह के साथ साथ लता मंगेशकर ने अपनी आबाज दी है। इस गाने को आर डी बर्मन और गुलजार की प्रसिद्ध जोड़ी ने तैयार किया है।

    10. कभी किसी को मुक्कमल जहां नहीं मिलता

    भूपिंदर सिंह के उदास स्वर के साथ जीवन की वास्तविकताओं पर आधारित यह गीत भावुक कर देने वाला है। इस गीत को निदा फाजली ने लिखा है। संगीतकार खय्याम ने इसमे संगीत दिया है। यह गाना फिल्म आहिस्ता-आहिस्ता का है।

    बचपन में नहीं पसंद था संगीत

    पंजाब के अमृतसर शहर में जन्मे भूपिंदर सिंह के पिता प्रोफेसर नत्था सिंह भी एक संगीतकार थे। पिता ने ही बेटे को गिटार बजाने की शिक्षा दी। बचपन में गायन और संगीत वाद्ययंत्रों से नफरत करने वाले भूपिंदर सिंह ने संगीत जगत में एक लंबा सफर तय किया।

    ऑल इंडिया रेडियो में किया था काम

    अपने करियर के शुरुआती दिनों में दिग्गज गायक ने ऑल इंडिया रेडियो में बतौर गायक और गिटारवादक काम भी किया। साल 1966 में रिलीज हुई फिल्म 'आखिरी खत' से भूपिंदर सिंह ने बॉलीवुड में अपने गायन करियर की शुरुआत की।

    उन्होंने 'सत्ता पे सत्ता', 'आहिस्ता-आहिस्ता', 'हकीकत', 'दूरियां' समेत कई हिट फिल्मों के गानों में अपनी आवाज देकर उसे सदाबहार बना दिया। उन्होंने स्वर कोकिला लता मंगेश्कर के साथ भी कई हिट गाने गाए।

    comedy show banner
    comedy show banner