Sikh Riots Case: सिख विरोधी दंगों के एक मामले में दिल्ली HC का बड़ा आदेश, दोबारा होगा ट्रायल
दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक 40 साल पुराने मामले में दोबारा ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जांच और सुनवाई में खामियां पाईं और ट्रायल कोर्ट को रिकॉर्ड का पुनर्निर्माण करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सभी स्रोतों से रिकॉर्ड जुटाने के प्रयास किए जाएं ताकि आपराधिक याचिकाओं पर अंतिम निर्णय दिया जा सके।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 40 से अधिक समय पहले 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने दोबारा ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया है। साथ ही जांच में कमियों के साथ-साथ तीन मामलों की सुनवाई के संचालन में भी खामियों को उजागर करते हुए ट्रायल कोर्ट को तीनों मामलों के रिकॉर्ड का पुनर्निर्माण करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने कहा कि सभी स्रोतों से ऐसे रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम प्रयास किए जाने की आवश्यकता है ताकि यह अदालत वर्तमान आपराधिक पुनरीक्षण याचिकाओं पर अंतिम निर्णय दे सके।
ट्रायल कोर्ट ने 1986 में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। ये मामले नवंबर 1984 में दिल्ली कैंट के राज नगर इलाके में हुए सिख विरोधी दंगों से जुड़े हैं। इनमें से एक मामले में पूर्व सांसद सज्जन कुमार को बरी कर दिया गया था और सीबीआई ने इसके खिलाफ अपील की थी।
सोमवार को सुनाए अपने निर्णय में पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित निर्णय को प्रथम दृष्टया पढ़ने से संकेत मिलता है कि निर्णयों पर ठीक से विचार नहीं किया गया है।
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