सज्जन कुमार के भाई को टिकट मिलने पर भड़के सिख समुदाय के लोग, कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदर्शन
रविवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के सामने सिख समुदाय के लोगों ने रमेश कुमार को टिकट देने के खिलाफ प्रदर्शन किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली में कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने से पहले ही विवादों में आ गई है। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, दक्षिणी दिल्ली से सिख दंगे के दोषी सज्जन कुमार के भाई रमेश कुमार को टिकट फाइनल किया गया है। रविवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के सामने सिख समुदाय के लोगों ने रमेश कुमार को टिकट देने के खिलाफ प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सरदार मनजीत सिंह के नेतृत्व में किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस नेताओं के पुतले भी दहन किये। प्रदर्शन कर रहे सिख समुदाय के लोगों ने राहुल गांधी को सिख समुदाय के लोगों की भावनाओं के साथ न खेलने की चेतावनी दी।\
शिरोमणि अकाली दल और दिल्ली की सिख संगत की ओर से आयोजित किए गए प्रदर्शन में सिख दंगा पीड़ित भी शामिल हुए। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कांग्रेस अध्यक्ष से रमेश कुमार को टिकट नहीं देने की मांग की है।
प्रदर्शन कर रहे सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि अगर रमेश कुमार को टिकट दिया गया तो यह सिख समुदाय को चिढ़ाने जैसा होगा।
बता दें कि जब कांग्रेस ने सज्जन कुमार को 2009 में टिकट दिया था जब भी शिरोमणि अकाली दल और सिख संगठनों ने विरोध किया था जिसके बाद कांग्रेस ने सज्जन कुमार का टिकट काट दिया था।
दरअसल कांग्रेस ने दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं।मिली जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली से अजय माकन, दक्षिणी दिल्ली से रमेश कुमार, पश्चिमी दिल्ली से सुशील कुमार, उत्तर पूर्वी दिल्ली से जेपी अग्रवाल, चांदनी चौक से शीला दीक्षित, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से राजेश लिलोठिया और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से अरविंदर सिंह लवली उम्मीदवार होंगे।
सिख दंगे का दोषी है सज्जन कुमार
31 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख अंगरक्षकों ने कर दी थी। इस वारदात के अगले ही दिन दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर दंगा भड़काने का आरोप लगा था। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनवाई थी। 73 वर्षीय पूर्व कांग्रेस नेता ने सुनाई गई उम्रकैद की सजा को भुगतने के लिए 31 दिसंबर 2018 को निचली अदालत में समर्पण किया था इसके बाद सज्जन कुमार को मंडोली जेल भेज दिया था।