Delhi News: मुखर्जी नगर के सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में फिर गिरा फ्लैट का हिस्सा, लोगों में दहशत
सालभर से स्थिति इतनी पेचीदा हो चुकी है कि लोग इस खतरनाक इमारत में रहना नहीं चाहते हैं और डीडीए भी जल्द इमारत को खाली कराना चाहता है। डीडीए ने फ्लैट खाली करने की अंतिम तारीख 30 नवंबर 2023 तय की थी। इसके बाद इमारत को नोएडा के ट्विन टावर की तर्ज पर ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू होनी थी।

धर्मेंद्र यादव, बाहरी दिल्ली। मुखर्जी नगर में 10 मंजिला सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट की इमारत में हर बीते दिन के साथ दरारों की संख्या बढ़ती जा रही है। इमारत की 10वीं मंजिल के एक फ्लैट का हिस्सा भरभरा कर गिर गया। इमारत में लगी सरिया जंग से इतना कमजोर हो चुकी हैं कि मलबे के साथ ही वह छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गई हैं।
इमारत की जर्जर हालत को देखते हुए वर्ष भर में 100 से ज्यादा परिवार सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट छोड़ चुके हैं। दो माह में 18-20 परिवार फ्लैट छोड़कर दूसरी जगह रहने के लिए चले गए।
अपार्टमेंट में जो रह रहे हैं, वे दिन-रात भय और अनहोनी के साये में जी रहे हैं। इमारत की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि डी, ई, आई व एल-ब्लॉक की इमारतों में छोटी-बड़ी असंख्य दरारें हैं। कई जगहों पर ढांचे से सरिये बाहर दिखने लगे हैं।
बारिश के बाद मलबा गिरने की घटनाएं बढ़ी
सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट आरडब्ल्यूए के महासचिव गौरव पांडे ने बताया कि दो दिन पहले आई-ब्लाक की इमारत की 10वीं मंजिल से अचानक मलबा नीचे आ गिरा। लोगों की किस्मत अच्छी रही कि वे मलबे की चपेट में नहीं आए।
हाल में हुई बारिश के बाद मलबा गिरने की घटनाएं बढ़ी हैं। जे-ब्लॉक में रहने वाले जेपी साहनी ने बताया कि इसी जगह से ए-ब्लॉक निवासी सुधीर कत्याल गुजर रहे थे, तभी यह मलबा गिरा। वे बाल-बाल बच गए।
आगे कुआं, पीछे खाई जैसी स्थिति
सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के लोगों की फ्लैट खाली करने के तुरंत बाद किराया शुरू करने की मांग इस पूरे मामले में गतिरोध का कारण बनी है। अपार्टमेंट में रहने वाले चाहते हैं कि जिस दिन फ्लैट खाली हो, उसी दिन से किराया शुरू हो। डीडीए की शर्त है कि अपार्टमेंट में रहने वाले सभी 336 फ्लैट मालिक पहले फ्लैट खाली करें और फिर मासिक किराये का भुगतान हो पाएगा।
डीडीए ने तुरंत स्थिति का जायजा लेने के लिए समिति गठित की और बाद में इस मामले को राष्ट्रीय सीमेंट और निर्माण सामग्री परिषद (एनसीसीबीएम) को भेज दिया और 2018 में इसकी सिफारिश पर डीडीए के इंजीनियरिंग विंग की ओर से कुछ मरम्मत की गई। 2022 में आइआइटी की रिपोर्ट में इमारत को खतरे में बताया गया और डीडीए ने इसे तुरंत खाली करने और ध्वस्त करने की सिफारिश की गई।
-प्रवक्ता, डीडीए
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