मामला दर्ज होने से 12 दिन पहले छीन लिए गए थे चैतन्यानंद के अधिकार, संस्थान के बाहर चस्पा किया गया नोटिस
दक्षिणी दिल्ली के एक संस्थान में छात्राओं की शिकायतों को दबाने का मामला सामने आया है। श्री श्रृंगेरी पीठ के प्रशासक ने चैतन्यानंद के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई है लेकिन इससे पहले ही उनके अधिकार छीन लिए गए थे। संस्थान के बाहर एक नोटिस चस्पा किया गया है जिसमें उनके आचरण को संस्थान की गरिमा के विपरीत बताया गया है। उनके खिलाफ धोखाधड़ी के मामले भी दर्ज हैं।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। चैतन्यानंद के सारे अधिकार पुलिस में शिकायत देने से पहले 23 जुलाई 2025 को ही छीन लिए गए थे। इससे पता चलता है कि संस्थान को छात्राओं की शिकायतों के बारे में पहले से पता था, मगर वह उसे दबाए रहा। इसकी पुष्टि वसंत कुंज स्थित संस्थान के बाहर चस्पा चैतन्यानंद की शक्तियां छीने जाने संबंधी नोटिस से होती है।
श्री श्रृंगेरी पीठ के प्रशासक पीए मुरली की ओर से चार अगस्त को चैतन्यानंद के खिलाफ छात्राओं से छेड़छाड़ संबंधी शिकायत दी गई थी। मगर इससे पहले 23 जुलाई को पीए मुरली की ओर से चैतन्यानंद के सभी अधिकार रद किए जाने संबंधी नोटिस जारी किया गया था।
यह नोटिस बुधवार को भी संस्थान के बाहर दीवार पर चस्पा था। नोटिस में यह भी लिखा है कि चैतन्यानंद का आचरण संस्थान और पीठ की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला रहा है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं।
इस संबंध में पीठ प्रशासन ने उसके खिलाफ आपराधिक शिकायत भी दर्ज करवाई है। इस नोटिस में यह भी लिखा है कि चैतन्यानंद सरस्वती किसी भी रूप में श्री शारदा पीठ और श्री शारदा इंस्टीट्यूट आफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकेंगे।
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