केंद्रीय मंत्री शिवराज का विपक्ष पर हमला, बोले- घुसपैठियों को मतदाता सूची में शामिल करने का हो रहा प्रयास
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिहार में हो रही रैलियों को घुसपैठिया बचाओ यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष विदेशी घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में शामिल करने की कोशिश कर रहा है जो अस्वीकार्य है। वन नेशन वन इलेक्शन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इससे विकास कार्यों में तेज़ी आएगी और लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने स्वदेशी अपनाने का भी आह्वान किया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिहार में हो रही रैलियां 'वोट चोरी नहीं, बल्कि घुसपैठिया बचाओ यात्राएं' हैं। विपक्षी गठबंधन विदेशी घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में शामिल करने का प्रयास कर रहा है, जो अस्वीकार्य है। शिवराज रविवार को डीयू के रामजस कॉलेज में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' कार्यक्रम में भाग लिया।
छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि क्या देश को कोई धर्मशाला समझा गया है, जहां कोई भी आकर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करा सके? चौहान ने स्पष्ट किया कि हमारे देश के नागरिक चाहे किसी भी जाति या धर्म के हों, सभी हमारे हैं, लेकिन विदेशी घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बंगाल और तमिलनाडु में होने वाले चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा कि ममता बनर्जी पहले से ही परेशान हैं। बिहार का चुनाव खत्म होते ही बंगाल का चुनाव अभियान शुरू हो जाएगा। चौहान ने कहा कि पहले इसे 'इंडिया डेड इकनोमी' कहा जाता था, लेकिन अब यह 'लांग लीव इकनोमी' बन चुकी है।
देश ने इस तिमाही में 7.8 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की है, जबकि कई वैश्विक शक्तियां पीछे हैं। कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है। आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा।
चौहान ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' की आवश्यकता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हर छह महीने में चुनाव होने से विकास कार्य बाधित होते हैं। यदि विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ हों, तो लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है, जो विकास कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे इस जन-अभियान को गांव-गांव पहुंचाएं।
स्वदेशी अपनाने का आह्वान
चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी की स्वदेशी अपनाने की अपील का समर्थन करते हुए कहा कि अगर 140 करोड़ भारतीय स्वदेशी वस्तुएं खरीदने का संकल्प लें, तो हमें वैश्विक बाजार की तलाश नहीं करनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि आज का भारत अपनी शर्तों पर बात कर रहा है और राष्ट्रहित से ऊपर कोई समझौता नहीं हो सकता।
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