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लाडले की चाह में ये क्‍या किया मां ने, लाडो की बलि के बाद खुद दे दी जान

लगातार दो बेटियां होने से बाला परेशान रहती थी। एक माह पहले तीसरी बेटी के जन्म के बाद वह धीरे-धीरे अवसाद में रहने लगी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 27 Jan 2018 02:14 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jan 2018 02:51 PM (IST)
लाडले की चाह में ये क्‍या किया मां ने, लाडो की बलि के बाद खुद दे दी जान
लाडले की चाह में ये क्‍या किया मां ने, लाडो की बलि के बाद खुद दे दी जान

गुरुग्राम [ जेएनएन ]। बेटे की चाह में अवसाद का शिकार हुई महिला ने अपनी एक माह की बेटी की गला दबाकर हत्या करने के बाद फांसी लगा खुदकशी कर ली। राजेंद्र पार्क थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। हालांकि, महिला के पिता ने किसी पर आरोप नहीं लगाया है।

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गांव सिकंदरपुर बढ़ा निवासी जगदीश यादव ने अपनी बेटी बाला की शादी वर्ष 2009 में गांव चंदू निवासी मनमोहन के साथ की थी। मनमोहन गांव में ही कारोबार करते हैं। लगातार दो बेटियां होने से बाला परेशान रहती थी। एक माह पहले तीसरी बेटी के जन्म के बाद वह धीरे-धीरे अवसाद में रहने लगी। वह गुमसुम रहती थी। अवसाद की स्थिति में ही, उसने अपनी एक माह की बेटी को मारने के बाद फांसी लगाकर खुदकशी कर ली।

थाना प्रभारी अजयबीर सिंह ने बताया कि घटना के दौरान मनमोहन घर पर नहीं था। महिला के मायके वालों ने किसी के ऊपर आरोप नहीं लगाया है। परिजनों के मुताबिक लगातार तीन बेटी होने से महिला परेशान रहती थी। दो बेटी होने के बाद उसे उम्मीद थी कि इस बार बेटा होगा। मानसिक परेशानी में ही उसने अपना व अपनी मासूम बेटी का जीवन समाप्त कर दिया।


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