Delhi High Court ने शशि थरूर को किया तलब, BJP नेता राजीव चंद्रशेखर के मानहानि का मामला
दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को तलब किया है। कोर्ट ने भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर द्वारा दायर मानहानि याचिका पर कांग्रेस नेता को तलब किया है। अदालत ने कहा कि शिकायत को मुकदमे के रूप में पंजीकृत किया जाए। प्रतिवादी (थरूर) को समन जारी किया जाए। मामले को 28 अप्रैल को संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।
पीटीआई,नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर द्वारा दायर मानहानि याचिका पर कांग्रेस नेता शशि थरूर को तलब किया। न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को तय की।
अदालत ने कहा, "शिकायत को मुकदमे के रूप में पंजीकृत किया जाए। प्रतिवादी (थरूर) को समन जारी किया जाए। मामले को 28 अप्रैल को संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।"
बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने अपने कांग्रेस समकक्ष शशि थरूर को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा था।
भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप
अपने नोटिस में राजीव चंद्रशेखर ने थरूर पर तिरुवनंतपुरम के लोगों के बीच स्पष्ट रूप से गलत सूचना प्रसारित करने का आरोप लगाया था, जिसमें कथित तौर पर प्रमुख मतदाताओं और पादरी जैसे प्रभावशाली लोगों को रिश्वत दिए जाने की बात कही गई थी।
चंद्रशेखर ने केरल स्थित समाचार संगठन '24 न्यूज' के साथ एक टीवी साक्षात्कार में शशि थरूर द्वारा लगाए गए आरोपों पर "आश्चर्य" व्यक्त किया था।
भाजपा नेता ने यह भी मांग की थी कि शशि थरूर को अपने लापरवाही भरे बयान वापस लेने चाहिए और सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए अन्यथा कानूनी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
नोटिस में क्या लिखा था?
नोटिस में लिखा था, “उपर्युक्त समाचार चैनल पर हमारे मुवक्किल यानी राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ 06.04.2024 को नोटिस प्राप्तकर्ता द्वारा लगाए गए सभी आरोपों और आक्षेपों को तुरंत वापस लें।”
नोटिस प्राप्तकर्ता द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों के संबंध में अपने मुवक्किल से उनकी संतुष्टि के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगना और किसी भी अवांछित मामले को फैलाने, मानहानि, उत्पीड़न और हमारे मुवक्किल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने से तुरंत बचना और अफवाहों को फैलाने से बचना और भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने से बचना।
नुकसान पहुंचाने के इरादे
कानूनी नोटिस में यह भी कहा गया है कि थरूर ने राजीव चंद्रशेखर को "नुकसान पहुंचाने के इरादे से" ये बयान दिए हैं। यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे इस तरह के अपमानजनक बयानों ने तिरुवनंतपुरम के पूरे ईसाई समुदाय और उसके नेताओं को नुकसान पहुंचाया है और उनका अपमान किया है, क्योंकि उन पर कैश-फॉर-वोट गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इसमें 24 घंटे के भीतर सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगने की भी माँग की गई है।
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