Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Yamuna News: और मैली हुई यमुना, सीवरेज की मात्रा 1300 गुना ज्यादा

    By Abhishek TiwariEdited By:
    Updated: Sat, 30 Jul 2022 10:31 AM (IST)

    Delhi Yamuna Pollution दिल्ली की यमुना नदी में प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ़ रही है। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। मौजूदा रिपोर्ट में यमुना में गिर रहे सीवरेज की मात्रा तय मानकों से 1300 गुना ज्यादा मिली है।

    Hero Image
    Delhi Yamuna News: और मैली हुई यमुना, सीवरेज की मात्रा 1300 गुना ज्यादा

    नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। यमुना नदी में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। जून में यह जितनी गंदी रही है, मई में उससे कहीं ज्यादा साफ थी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रलय को भेजी गई दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की नई रिपोर्ट, तो यही बयां करती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रिपोर्ट के मुताबिक मई की तुलना में जून में बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) व डिजाल्व्ड आक्सीजन (डीओ) के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। यमुना में गिर रहे सीवरेज की मात्रा तय मानकों से 1300 गुना तक ज्यादा मिली है।

    दिल्ली से होकर गुजरता है यमुना का 54 किमी हिस्सा

    दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण 2021 के मुताबिक, यमुना का 54 किमी हिस्सा दिल्ली से होकर गुजरता है। यह क्षेत्र पल्ला से लेकर बदरपुर तक है, लेकिन वजीराबाद से असगरपुर गांव तक यानी लगभग 22 किमी का हिस्सा सबसे ज्यादा प्रदूषित है। कहने को यमुना की कुल लंबाई का यह केवल दो प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन यमुना का 76 फीसद प्रदूषण इसी दो प्रतिशत हिस्से में होता है।

    मई में 1200 गुना थी सीवरेज की मात्रा

    डीपीसीसी की ओर से यमुना में आठ जगहों पर पानी की गुणवत्ता की निगरानी की जाती है। जून में इन जगहों से लिए गए नमूने बताते हैं कि मई के मुकाबले ज्यादातर जगहों पर इसके पानी में बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) और डिजाल्व्ड आक्सीजन (डीओ) का स्तर ज्यादा देखने को मिला है। सीवरेज की मात्रा मई के दौरान जहां 1200 गुना थी, वह अब 1300 गुना पहुंच गई है।

    24 नालों का गंदा पानी कर रहा प्रदूषित

    दिल्ली में 24 बड़े नालों के जरिये घरेलू सीवरेज का बड़ा हिस्सा अभी भी यमुना में पहुंच रहा है, जबकि उद्योगों से निकलने वाले सीवरेज का भी काफी हिस्सा यमुना में ही गिरता है। इसी के चलते यमुना नदी में बड़े स्तर पर प्रदूषण देखने को मिलता है।

    क्या है बीओडी और डीओ

    नदी के पानी की गुणवत्ता को बीओडी और डीओ के मानकों पर मापा जाता है। बीओडी यानी बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड का मतलब है कि उस पानी में किसी जैविक पदार्थ को डिकंपोज करने के लिए किसी बैक्टीरिया या सूक्ष्म जीव को कितनी आक्सीजन की जरूरत है।

    डीओ यानी डिजाल्व्ड आक्सीजन उस पानी में घुली हुई आक्सीजन होती है। बीओडी की मात्रा तीन मिलीग्राम प्रति लीटर या उससे कम होनी चाहिए और डीओ की मात्रा पांच मिलीग्राम प्रति लीटर या उससे ज्यादा होनी चाहिए।

    comedy show banner
    comedy show banner