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    दिल्ली मेट्रो ट्रेन के गेट में फंसकर जान गंवाने वाली मां के बच्चों को गोद लेगी सेवा भारती, पिता की पहले ही हो चुकी है मौत

    By Ritu RanaEdited By: Geetarjun
    Updated: Tue, 19 Dec 2023 10:04 PM (IST)

    दिल्ली में मेट्रो ट्रेन के गेट में साड़ी फंसने पर घिसटने की वजह से जान गंवाने वाली मां के दोनों बच्चों को सेवा भारती गोद लेगी। नांगलोई की रहने वाली री ...और पढ़ें

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    सेवा भारती का मंडोली स्थित सेवा धाम विद्या मंदिर। सौजन्य: सेवा भारती

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। दिल्ली में मेट्रो ट्रेन के गेट में साड़ी फंसने पर घिसटने की वजह से जान गंवाने वाली मां के दोनों बच्चों को सेवा भारती गोद लेगी। नांगलोई की रहने वाली रीना देवी की 14 दिसंबर को इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो के गेट में फंस जाने से दर्दनाक मौत हुई थी।

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    उनके पति की पहले ही मौत हो चुकी है। वह ही दोनों बच्चों की देखभाल करती थीं। मां के निधन के बाद उनके बेटा और बेटी को सेवा भारती ने गोद लेने का निर्णय लिया है। उनके पालन-पोषण से लेकर शिक्षा की जिम्मेदारी सेवा भारती ही उठाएगी।

    12 और छह साल के बच्चे

    सेवा भारती दिल्ली के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल ने बताया कि इस हृदय विदारक घटना को लेकर हम सभी आहत हैं। मृतका की 12 वर्षीय बेटी और छह वर्षीय बेटे के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, इसलिए उन्हें अपने आवासीय विद्यालयों में प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है।

    शिक्षा पूरी करने में की जाती है मदद

    इस संबंध में नजदीकी रिश्तेदारों और बच्चों से संपर्क कर उनकी स्वीकृति मिलने पर दोनों बच्चों को सेवा भारती की ओर से संचालित आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। सेवा भारती का मंडोली में सेवा धाम विद्या मंदिर के नाम से छात्रों का आवासीय विद्यालय है, जिसमें सीबीएसई बोर्ड आधारित 12वीं तक की शिक्षा दी जाती है, जबकि आगे की शिक्षा दूसरे कॉलेजों में कराने और व्यावसायिक शिक्षा में मदद की जाती है।

    कई वर्षों से चल रहा स्कूल

    वर्ष 1987 से संचालित सेवा धाम में मौजूदा समय में 299 बच्चे हैं, जो बिहार, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़ समेत 18 राज्यों से हैं। मुख्य रूप से इसमें नक्सलवाद और आतंकवाद से पीड़ित क्षेत्रों के निर्धन व बेसहारा बच्चों को उनका जीवन संवारा जाता है।

    शिक्षा से लेकर रहने, भोजन और पाठ्य-पुस्तक समेत अन्य सारी व्यवस्था निश्शुल्क होती हैं। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली स्थित आनंद निकेतन में संचालित बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालय अपराजिता में बेटी को प्रवेश दिया जाएगा।

    अपराजिता में इस वक्त 11 बालिकाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। यहां उन्हें स्नातक तक और रोजगारपरक शिक्षा के साथ सभी जरूरी आवश्यकताएं निश्शुल्क मुहैया कराई जाती है।