Seelampur violence: तैयारी के साथ आए थे उपद्रवी, घोषित बदमाशों का नाम आया सामने
Seelampur violence जाफराबाद की हिंसा के पीछे कुछ घोषित बदमाशों का नाम भी सामने आया है। जांच में पता चला है कि प्रदर्शनकारी पूरी तैयारी के साथ आए थे।
नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। जाफराबाद हिंसा पर नियंत्रण पाने में पुलिस को कितनी मशक्कत करनी पड़ी। इसका अंदाजा अधिकारियों द्वारा तैयार की गई एक जांच रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। इस रिपोर्ट को संवेदनशील मानते हुए गुप्त रखा गया है। इसमें बताया गया है कि तीन घंटे तक उपद्रव करने वाले लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तरफ से आंसू गैस के 350 गोले छोड़े गए थे। इसके साथ पुलिस ने 16 रबड़ बुलेट चलाए। साथ ही आठ राउंड गोलियां भी हवा में चलाई थी।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मंगलवार रात तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उपद्रवियों की तरफ से पेट्रोल बम इस्तेमाल किए गए। इसके साथ केमिकल के साथ भी कुछ बोतलें पुलिस की तरफ फेंके गए। इस उपद्रव में दो बसों के साथ चार सरकारी वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया गया। इनमें दो एसीपी की गाड़ियां, एक आरएएफ की गाड़ी और एक पुलिस वैन शामिल हैं। इसके अलावा दो मोटरसाइकिलों, एक मोबाइल शौचालय को जला दिया गया।
पुलिस चौकी के अंदर रखे रोजनामचे की फाइल को आग के हवाले कर दिया गया। साथ ही उसमें तोड़फोड़ भी की गई। इस रिपोर्ट में बताया है कि हिंसा के दौरान पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) को 46 फोन आए। इसमें लोग बता रहे थे कि उप्रदवियों ने कहां-कहां तोड़फोड़ या आगजनी शुरू कर दी है।
सबसे पहला फोन पुलिस की प्रखर वैन में तैनात एक पुलिसकर्मी ने किया था जब उपद्रवियों ने दोनों बसों में तोड़फोड़ शुरू की थी। 46 में से 28 सीलमपुर और 18 जाफराबाद थाना क्षेत्र से फोन किए गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शाम करीब छह बजे से रात 9:30 बजे तक फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) विभाग की टीम ने हिंसा वाली जगहों से नमूने उठाए हैं। इनमें केमिकल की भी पुष्टि हुई है। इन्हें जांच के लिए भेजा गया है।
कई उपद्रवी भी हुए थे जख्मी
जाफराबाद और सीलमपुर में हिंसा के दौरान कई उपद्रवी भी जख्मी हुए थे। पुलिस ने निजी अस्पतालों से जानकारी जुटाई है। दरअसल उपद्रवी घायल होने के बाद आसपास के निजी अस्पतालों में ही थे। पुलिस ने इन अस्पतालों से एमएलसी (मेडिको-लीगल सर्टिफिकेट) ले ली है। कुछ उपद्रवियों की पहचान इससे भी की गई है। इसके साथ मीडिया और ड्रोन से प्राप्त वीडियो से भी कुछ उपद्रवियों की पहचान की गई है। पुलिस के मुताबिक इनकी संख्या 23 है।
हिंसा के पीछे थे घोषित बदमाश
जाफराबाद की हिंसा के पीछे कुछ घोषित बदमाशों का नाम भी सामने आया है जो वीडियो में नजर आए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आपराधिक तत्वों को पहचानने में दिक्कत नहीं आ रही है। लेकिन नए चेहरों को पहचाने में समस्या आ रही है। स्थानीय लोग भी कुछ को पहचानने से इन्कार कर रहे हैं।
अफवाह फैलाने वालों पर दर्ज होगा केस
बुधवार को संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार और पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्या ने कई आरडब्ल्यूए और अमन कमेटियों के साथ बैठकें भी कीं। इनमें साफ कहा गया है कि सोशल मीडिया पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। वाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर अगर कोई अफवाह फैलाते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ भी आइटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाएगा।