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    Delhi Crime: 5 दिन तक घर में कैद रहा अफसर, खुद को CBI अधिकारी बताकर ठगों ने लगाया 44.50 लाख का चूना

    Updated: Mon, 10 Mar 2025 08:03 AM (IST)

    साइबर क्राइम की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामले में पूर्वी दिल्ली के साइबर सेल ने डिजिटल अरेस्ट कर 44.50 लाख रुपये ठगने वाले चार ठगों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। ठगों ने कंबोडिया में बैठे अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपितों के पास से चार मोबाइल बरामद किए हैं। मुख्य आरोपित महेश की तलाश जारी है।

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    सावधान: आप भी हो सकते हैं ठगों का शिकार। फोटो- जागरण ग्राफिक्स

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। मयूर विहार में रहने वाले शिक्षा विभाग के सेक्शन अफसर को पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 44.50 लाख रुपये ठगने वाले चार ठगों को पूर्वी जिले के साइबर सेल थाना ने राजस्थान से गिरफ्तार किया है। पीड़ित को कंबोडिया में बैठे ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया था और राजस्थान में बैठे उनके गुर्गों ने ठगी की रकम को ठिकाने लगाया था।

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    पार्टियों में संगीत बजाने वाले प्रशांत वर्मा व दिनेश सिंघाडिया, एमएनआइटी जयपुर के पूर्व छात्र प्रकाश चौधरी और बीएससी के छात्र गजेंद्र कुमार के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से चार मोबाइल बरामद किए हैं। मुख्य आरोपित महेश की तलाश में पुलिस छापे मार रही है।

    जिला पुलिस उपायुक्त अभिषेक धानिया ने बताया कि वीरेंद्र कुमार परिवार के साथ मयूर विहार में रहते हैं। वे दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग में सेक्शन आफिसर हैं। 29 जनवरी को उनके पास एक अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया।

    बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर कराते रहे ठग

    पीड़ित को धमकाया कि उन्होंने जो संपत्ति खरीदी हुई है उसकी जानकारी सरकार को नहीं दी है, उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जाता है। पांच दिन तक ठगों ने उन्हें अरेस्ट रखा और डरा-धमकाकर 44.50 लाख रुपये अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए।

    पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाने में प्राथमिकी की गई। एसआइ तलविंदर, हेड कॉन्स्टेबल पारस व राहुल की टीम बनाई।

    टीम को पता चला ठगी के 38 लाख रुपये जयपुर स्थित एयू बैंक में दिनेश के खाते में भेजे गए हैं। पुलिस बैंक शाखा पहुंची तो पता चला कि सारी रकम चेक के जरिये एक ही बार में खाते से निकाली गई है। पुलिस ने खाते की जानकारी जुटाई और पांच मार्च को दिनेश को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर बाद में इसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया।

    आरोपितों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि दिनेश ने दो प्रतिशत मुनाफे पर अपना खाता ठगी की रकम के लिए किराये पर दिया हुआ था। इनका साथी महेश कंबोडिया में बैठे ठगों के संपर्क में है। महेश का काम राजस्थान में बैंक खातों का इंतजाम करना था। वह उन खातों से रकम निकालकर हवाला के जरिये कंबोडिया भेजता था।

    पिछले माह की घटनाएं

    • चार फरवरी 2025 : दिल्ली के आउटर नार्थ पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट करने वाले दो आरोपितों को किया गिरफ्तार
    • 10 फरवरी 2025 : दिल्ली नगर निगम के पूर्व महापौर कंवर सेन को डिजिटल अरेस्ट कर 19 लाख रुपये ठगे।
    • 28 फरवरी 2025 : प्रीत विहार इलाके में डिजिटल अरेस्ट कर युवक से 7.85 लाख रुपये ठगे

    मुनाफे का झांसा दे ठगे 11.37 लाख रुपये

    पुराना सीलमपुर इलाके में वेबसाइट पर रिव्यू देने के बदले मुनाफा होने का झांसा देकर एक युवक से 11.37 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने टेलीग्राम एप के जरिये पीड़ित से संपर्क किया था। पीड़ित जाहिद मलिक की शिकायत पर उत्तर पूर्वी जिले की साइबर थाना पुलिस ने प्राथमिकी की है।

    जिन खातों में ठगी की रकम गई है, उनकी पड़ताल करके ठगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। जाहिद मलिक परिवार के साथ पुराना सीलमपुर में रहते हैं। उनका मोबाइल स्क्रैप का कारोबार है। पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि 31 दिसंबर को उनके पास टेलीग्राम पर मैसेज आया था, जिसमें वर्क फ्राम होम करने की नौकरी लिखी थी।

    ठगों के बातों में फंस गई महिला

    पीड़ित उनकी बातों में आ गया। पीड़ित के पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाली महिला ने खुद को एक कंपनी का प्रतिनिधि बताया। उसने पीड़ित से कहा कि उनकी कंपनी विभिन्न वेबसाइट पर रिव्यू देती है, जिसके बदले में मुनाफा दिया जाता है।

    महिला ने बातों-बातों में पीड़ित से उसकी बैंक समेत अन्य जानकारी हासिल कर ली। शुरुआत में पीड़ित को रिव्यू के बदले में रकम भी दी गई। उसे झांसे में लेकर विभिन्न खातों में 11.37 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

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