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    गजब हो गया! सिर्फ आधे दाम में मिल रही लग्जरी कारें, मर्सिडीज की इतनी कम कीमत ने चौंकाया

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 09:37 AM (IST)

    दिल्ली में पुरानी कारों पर सख्ती के चलते दूसरे राज्यों में इनके दाम गिर गए हैं कुछ कारों की कीमतों में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। डीलर नुकसान उठाकर भी इन्हें बेचने को मजबूर हैं। ऑल इंडिया कार डीलर्स एसोसिएशन ने सरकार से इस मामले में नीति बनाने की मांग की है। डीलरों को परिवहन विभाग से एनओसी मिलने में भी परेशानी आ रही है।

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    दूसरे राज्यों में धड़ाम दिल्ली के सेकेंड हैंड कारों के दाम।

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। अवधि पूरी कर चुके वाहनों को पेट्रोल पंपों पर पेट्रो पदार्थ न देने और उसके धरपकड़ के अभियान से दूसरे राज्यों में दिल्ली के इस्तेमाल हुआ (सेकेंड हैंड) कारों के दाम धड़ाम हो गए हैं। स्थिति यह कि इनकी दरों में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है।

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    वहीं, सख्ती के चलते कार डीलर्स ऐसी कारों को जल्द से जल्द दूसरे राज्यों में निकालने में जुटे हुए हैं। उन्हें जो दाम मिल रहा है, वह लेकर अपना काम चला रहे हैं। ऐसे में उन्हें घाटा भी उठाना पड़ रहा है।

    ऑल इंडिया कार डीलर्स एसोसिएशन (एआइसीडीए) ने इस मामले में केंद्र व दिल्ली सरकार से नीति बनाने की मांग की है।

    सेकेंड हैंड कारों के कारोबार के मामले में दिल्ली देश का प्रमुख बाजार है। इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है। मामले से जानकारों के अनुसार, प्रत्येक वर्ष 50 हजार से अधिक लग्जरी से लेकर किफायती कारें बिकने के लिए पूरे देश में जाती है। पंजाब, केरल, तमिलनाडु, बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्य इसके प्रमुख खरीदार है। जबकि, करोलबाग, प्रीतविहार, पीतमपुरा समेत अन्य स्थानों पर करीब एक हजार से अधिक कार डीलर्स हैं, जो सेकेंड हैंड कारों का कारोबार करते हैं।

    ऐसे कारों का कारोबार करने वाले डीलर्स के अनुसार, जब से दिल्ली में अवधि पूरी कर चुकी कारों को पेट्रो पदार्थ न देने और जब्त करने के निर्णय की चर्चा आम हुई है तब से दूसरे राज्यों में दिल्ली के सेकेंड हैंड कारों के दाम में गिरावट देखी जा रही है। यह स्थिति एक माह से अधिक से है।

    स्थिति यह कि जो मर्सडीज , जिसकी उम्र अभी दिल्ली में छह माह बाकि है, उसकी पंजाब में कीमत छह से सात लाख मिलती थी। अब उसे तीन से साढ़े तीन लाख में मांगा जा रहा है।

    प्रीत विहार कार डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश चौधरी के अनुसार, दूसरे राज्यों के डीलर्स दिल्ली वालों की मजबूरी समझ चुके हैं। इसलिए औने-पौने दाम मिल रहे हैं। स्थिति यह कि खुद पांच लाख में खरीदी गाड़ी वह चार लाख में बेचने को मजबूर है।

    दिलशाद गार्डन के कार डीलर्स रमेश मौर्य के अनुसार, पिछले दो माह से यह स्थिति है। एआइसीडीए के अध्यक्ष जेएस नियोल के अनुसार, इस तरह की स्थिति अन्य कार डीलर्स और वाहन मालिकों के साथ है। ऐसे में इस मामले को लेकर परिवहन मंत्रालय को नीति स्पष्ट करनी चाहिए।

    अवधि पूरी कर चुके वाहनों को नहीं मिल रही एनओसी

    कार डीलर्स का आरोप है कि पहले अवधि पूरी कर चुके वाहनों को दूसरे राज्यों में बेचने के लिए परिवहन विभाग से एनओसी मिल जा रही थी। अब उसमें भी परेशानी आ रही है। अधिकतर मामलों में परिवहन विभाग द्वारा इनकार कर दिया जा रहा है।