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    दिल्ली सरकार बच्चों के लिए शुरू करने जा रही है नया कोर्स, डिजिटल डिटॉक्स भी किया गया शामिल; पढ़ें डिटेल

    Updated: Fri, 23 May 2025 07:45 PM (IST)

    दिल्ली सरकार स्कूलों में साइंस ऑफ लिविंग पाठ्यक्रम शुरू करेगी। इसका उद्देश्य छात्रों को योग ध्यान और पंचकोष के माध्यम से मानसिक संतुलन सिखाना है। पाठ् ...और पढ़ें

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    सरकारी स्कूलों में बच्चों को आधुनिक तकनीक के साथ मिलेगा प्राचीन ज्ञान।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए द साइंस ऑफ लिविंग यानी जीवन का विज्ञान नाम का एक कोर्स शुरू करने जा रही है।

    यह काेर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना और जीवन कौशल विकसित करना है।

    संभावना जताई जा रही है कि द साइंस ऑफ लिविंग कोर्स की शुरुआत इस वर्ष 15 अगस्त से हो जाएगी।

    बच्चों को योग, ध्यान और पंचकोष सिखाया जाएगा

    शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी के मुताबिक इस कोर्स के तहत विद्यार्थियों को योग, ध्यान और पंचकोष के जरिये आत्मचिंतन और मानसिक संतुलन का अभ्यास कराया जाएगा।

    इसके साथ ही पंचतत्व यानी आग, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश की भूमिका और संरक्षण के महत्व को भी सिखाया जाएगा।

    कोर्स में डिजिटल डिटॉक्स को भी किया गया शामिल 

    डिजिटल युग की चुनौतियों को देखते हुए कोर्स में डिजिटल डिटाॅक्स भी शामिल है। जिसके अंतर्गत छात्रों को स्क्रीन टाइम कम करना, साइबर क्राइम, कॉपीराइट उल्लंघन और ऑनलाइन बुलिंग से बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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    कार्यक्रम का एक विशेष भाग सेंसिबल सिटीजन विद्यार्थियों में नागरिक जिम्मेदारियों और देशप्रेम की भावना को जाग्रत करेगा।

    इसके तहत विद्यार्थी यमुना सफाई अभियान जैसे वास्तविक गतिविधियों में भाग लेकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देंगे।

    महीने में दो बार 15 दिन में होगा कोर्स का हर सेशन 

    अध्यापन को रोचक बनाने के लिए कठपुतली नाटकों, भूमिकाओं की अदला-बदली, भारतीय डाॅक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग और शैक्षणिक भ्रमण जैसी विधियों का प्रयोग किया जाएगा।

    पाठ्यक्रम का हर सत्र माह में दो बार, 15 दिन के अंतराल पर आयोजित होगा। इस एक घंटे की कक्षा में चर्चा, नृत्यात्मक गतिविधि, और ध्यान शामिल रहेगा।

    छात्रों की प्रतिक्रिया के आधार पर इस कार्यक्रम में समय-समय पर और बेहतर बदलाव किया जाएगा।

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