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    Save Yamuna: यमुना को बचाने के लिए दिल्लीवालों ने बनाई 22 किमी लंबी मानव श्रृंखला, कई घाटों पर जुड़े लोग

    By Nimish HemantEdited By: Geetarjun
    Updated: Mon, 05 Jun 2023 01:45 AM (IST)

    यमुना किनारे रविवार को अद्भूत अविस्मरणीय और आश्वस्त करने वाला नजारा देखने को मिला। यमुना संसद के आह्वान पर हजारों दिल्ली वालों ने हाथों में हाथ लेकर 22 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई। यमुना प्रेमी आइटीओ वजीराबाद कालिंदी कुंज गीता कालोनी पुराना उस्मानपुर गांव निजामुद्दीन ब्रिज समेत अन्य घाट पहुंचे।

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    यमुना को बचाने दिल्लीवालों ने बनाई 22 किमी लंबी मानव श्रृंखला, कई घाटों पर जुड़े लोग

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। यमुना किनारे रविवार को अद्भूत, अविस्मरणीय और आश्वस्त करने वाला नजारा देखने को मिला। यमुना संसद के आह्वान पर हजारों दिल्ली वालों ने हाथों में हाथ लेकर 22 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई। यमुना प्रेमी आइटीओ, वजीराबाद, कालिंदी कुंज, गीता कॉलोनी, पुराना उस्मानपुर गांव, निजामुद्दीन ब्रिज समेत अन्य घाट पहुंचे।

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    इसमें प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता के साथ ही सामाजिक-धार्मिक, व्यापारिक संस्थाओं के साथ ही युवा व छात्र भी शामिल हुए। इस मौके पर यमुना की आरती व हवन-पूजन भी हुआ। सबने मिलकर यमुना नदी के साफ हो जाने तक यमुना संसद जारी रखने की हुंकार भरी।

    सरकार पर जन दबाव बनाना जरूरी

    सरकार पर नदी की अविरलता सुनिश्चित करने का जन दबाव बनाते हुए अपने लिए भी ऐसे कदम उठाने का संकल्प लिया, जिससे यमुना बेहतर हो सकेगी। यमुना संसद के संयोजक रविशंकर तिवारी ने कहा कि यह यमुना संसद की पहली बड़ी जीत है कि आईटीओ घाट पर जहां एक दिन पहले झाग था और प्रवाह धीमा था, अतिरिक्त पानी आने से आज वह सब कुछ गायब है।

    यमुना की इस तस्वीर को स्थाई तौर पर बनाए रखने के लिए यमुना संसद सरकार से संवाद कायम करने को तैयार है। यमुना संसद के संरक्षक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि दुनिया भर में नदियों के किनारे ही बड़ी-बड़ी सभ्यताओं का विकास हुआ। दीगर बात यह कि सभी शहरों ने अपनी दहलीज पर बहती नदियों की कद्र नहीं की। दिल्ली की हालत तो और भी बदतर है।

    भोर से ही जुटने लग गए थे लोग आयोजन अल सुबह था। इसके लिए भोर से यमुना तटों पर पहुंचने लग गए थे। तट पर पहुंचे हर यमुना प्रेमी के चेहरे पर उत्साह दिखा। प्रमुख भागीदारों में अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार, निरंकारी समाज, दिल्ली, हरियाणा व पंजाब तक का नामधारी समाज, ईश्वरीय ब्रम्हाकुमारी प्रजापति, दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी, इस्कान, फतेहपुरी मसजिद के इमाम समेत सभी धार्मिक संस्थाओं और 1,800 से ज्यादा सामाजिक व अन्य संगठनों के साथ तमाम कालेज के प्रिंसिपल व प्रोफेसर अपने बच्चों के साथ पहुंचे।

    यमुना के लिए मिली सियासत की दो धाराएं दिलचस्प

    यह कि इसमें सत्ता पक्ष, विपक्ष समेत भारी संख्या में आम लोग शामिल हुए। इसमें दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय व सौरभ भारद्वाज, नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती प्रमुख थे। सबने हाथ से हाथ मिलाकर यमुना जी को बचाने का संकल्प लिया।

    उनके साथ जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि भी मौजूद रहे। इसी तरह, जल जन जोड़ो अभियान के संयोजक संजय सिंह, दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत, राष्ट्रवादी शिवसेना के अध्यक्ष जय भगवान गोयल, संतूर वादक अभय रुस्तम सोपोरी, युवा हल्ला बोल के अनुपम, स मनोनीत पार्षद मनोज जैन समेत अन्य मौजूद रहे।